
साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) कब किस ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम (Online Payment System) को अपना शिकार बना लें, कुछ कहा नहीं जा सकता. फोन-पे के बदले नकदी देकर ठगी करने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपी यूपी से आकर एमपी में ठगी की वारदात को एक गेमिंग ऐप के जरिए अंजाम देते थे और फरार हो जाते थे. गिरोह के ठग पुलिस को चकमा देने के लिए जिस जिले में वारदात को अंजाम देते, वो उस जिले के बाहर की बाइक का उपयोग करते थे, ताकि आसानी से बच निकलें.
फिलहाल पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है. थाना प्रभारी रावेन्द्र द्विवेदी ने बताया कि आरोपी पवन कुमार सिंह (34) पिता हरिवक्श सिंह बाराबंकी (उत्तर प्रदेश) और अंकुर सिंह (25) पिता रामअधार सिंह गोंडा (उत्तर प्रदेश) को पकड़ा था. इनके द्वारा पिछले महीने 60 हजार रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया था.
ऐसे अंजाम देते थे वारदात
पूछताछ के दौरान यह तथ्य सामने आए कि दोनों युवक उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. ट्रेन के माध्यम से सतना पहुंचे और बाइक रेंट पर लेने की कोशिश की, लेकिन जब उन्हें सतना में किराए पर बाइक नहीं मिली तो उन्होंने रीवा जिले में ऑनलाइन सर्च कर बाइक किराये पर ली. रीवा से बाइक लेकर ये सतना लौटे और अपराध की योजना बनाई. आरोपियों ने बताया कि वे जिस जिले से बाइक किराए पर लेते हैं, वहां कोई अपराध नहीं करते, ताकि उनकी पहचान उजागर न हो. इनका मुख्य निशाना कियोस्क संचालक होते थे.
रकम ट्रांसफर का खेलते खेल
पहले कैश से भरा बैग दिखाकर दुकानदार का विश्वास जीतते थे, फिर 2000 रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहते थे और 2000 रुपये नकद देते थे. इसमें से 1000 रुपये एक खाते में ट्रांसफर करवा लेते थे. ट्रांसफर के दौरान दुकानदार की आईडी, पासवर्ड या पैटर्न देख लेते थे. बाकी 1000 रुपये देकर ये कहते थे कि थोड़ी देर में आकर फिर ट्रांसफर करवाएंगे. कुछ समय बाद ये वापस आकर दुकानदार की व्यस्तता का फायदा उठाते हुए उससे खाता नंबर और संबंधित विवरण डालने के लिए उसका मोबाइल लेकर खाते में पैसे डालने का बहाना करते थे.
लेकिन ये 1000 रुपये की बजाय, कियोस्क में उपलब्ध अधिकतम राशि को अपने खाते में ट्रांसफर कर देते थे और ट्रांजेक्शन का नोटिफिकेशन डिलीट कर देते थे, जिससे दुकानदार को पता नहीं चलता. इसके बाद ये मौके से फरार हो जाते थे.
गेमिंग प्लेटफॉर्म से जुड़ा होगा था बैंक खाता
आरोपी बेहद शातिर हैं. इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि ये ऑनलाइन कसीनो और क्रिकेट सट्टा वेबसाइट का उपोग करते थे, जिससे उनका खाता निजी न होकर गेमिंग प्लेटफॉर्म से जुड़ा होता था. इससे यदि पीड़ित 1930 पर कॉल कर शिकायत करता था और खाता होल्ड होता था तो वह ऑनलाइन गेमिंग कंपनी का होता था, जिससे आरोपियों की पहचान और पकड़ में मुश्किल होती थी. हालांकि पुलिस ने उनकी चाल को समझा और तत्काल दोनों को पकड़ लिया.
स्टेशन रोड में अंजाम दी थी वारदात
थाना सिटी कोतवाली सतना में बीते 24 मई को कियोस्क संचालक त्रिवेणी प्रसाद वर्मा पिता शारदा प्रसाद वर्मा निवासी केशव नगर वार्ड क्रमांक 32 धवारी ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि स्टेशन रोड सतना मे रेल्वे स्टेशन के पास एमपी आनलाईन दुकान है. दोपहर के करीब 01:10 बजे एक व्यक्ति दुकान में आया और परिचय देते हुए अपना नाम पवन कुमार सिह बताया और उसने बोला कि मुझे एक खाता में पैसा भेजने को कहा.
उसने नगदी दी और फरियादी का मोबाइल लिया और फोन पे में खाता नंबर डाल दिया और पिन नंबर डालकर पैसा ट्रांसफर कर दिया. इसके बाद फिर से आया और पैसा डालने के बहाने फोन ले लिया. फिर चुपचाप 60 हजार रुपये ट्रांसफर कर लिए. उसके साथ दूसरा भी था, जो बाहर खड़ा था. ठगी के बाद दोनों वहां से भाग गए थे. फिलहाल पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया है, जिनके कब्जे से एक ओप्पो तथा एक विवो कंपनी का एंड्रॉइड मोबाइल और 40000 रुपये नगद जब्त किए गए हैं.