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ओंकारेश्वर से पंचक्रोशी यात्रा की शुरुआत, नर्मदा तट पर दिखा श्रद्धा और सुरक्षा का अद्भुत संगम

देवउठनी एकादशी पर ओंकारेश्वर से शुरू हुई पांच-दिवसीय पंचक्रोशी यात्रा में श्रद्धालुओं ने अपने जलसे साथ प्रशासन की सख्त सुरक्षा व्यवस्था का अनुभव किया. नर्मदा तट पर 20 + नौकाओं द्वारा लाईफ जैकेट सहित नदी पार करवाई गई, और सेवादार-स्थानीय लोगों ने भोजन-चाय-पेयजल की उत्कृष्ट व्यवस्था की.

ओंकारेश्वर से पंचक्रोशी यात्रा की शुरुआत, नर्मदा तट पर दिखा श्रद्धा और सुरक्षा का अद्भुत संगम

Omkareshwar Panchkroshi Route: भगवान विष्णु के योगनिद्रा से जागने के पावन दिन देवउठनी एकादशी पर ओंकारेश्वर से पारंपरिक पंचक्रोशी यात्रा की शुरुआत हुई. इस यात्रा ने एक बार फिर भक्ति, अनुशासन और सामाजिक एकता का सुंदर उदाहरण पेश किया. हर साल की तरह इस बार भी हजारों श्रद्धालु मां नर्मदा के तटों पर एकत्र हुए और पूरे समर्पण भाव से इस पवित्र परिक्रमा का हिस्सा बने.

30 किलोमीटर की भक्ति यात्रा 

पांच दिनों तक चलने वाली यह यात्रा लगभग 30 किलोमीटर की परिक्रमा करती है. यह यात्रा नर्मदा नदी के दक्षिण तट से शुरू होकर उत्तर तट की ओर जाती है. दूसरे दिन श्रद्धालुओं का पड़ाव खरगोन जिले के पवित्र ग्राम टोकसर में रहा, जहां लगभग 15 से 16 हजार श्रद्धालु पहुंचे. यहां मां नर्मदा की आरती और भक्ति के स्वर गूंजते रहे.

नदी पार कराने की सटीक व्यवस्था 

श्रद्धालुओं को दक्षिण तट से उत्तर तट स्थित मुरल्ला गांव तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है. एसडीओपी अर्चना रावत के निर्देशन में सनावद थाना प्रभारी रामेश्वर ठाकुर, बड़वाह थाना प्रभारी बलराम सिंह राठौड़, बेड़ियां थाना प्रभारी धर्मेंद्र यादव और उनकी टीमें लगातार सेवा में जुटी हुई हैं. दोनों तटों पर पुलिस बल के साथ नगर सुरक्षा समिति और कोटवार भी मुस्तैदी से तैनात हैं ताकि कोई भी श्रद्धालु असुविधा में न पड़े.

20 से अधिक नौकाएं, हर यात्री को लाइफ जैकेट

नर्मदा नदी पार कराने के लिए 20 से अधिक नावें लगातार सेवा दे रही हैं. प्रत्येक यात्री को लाइफ जैकेट पहनाकर ही नदी पार कराई जा रही है. सैकड़ों नाविक पूरे समर्पण और जिम्मेदारी से श्रद्धालुओं को सुरक्षित पार लगाने में जुटे हुए हैं. नदी के दोनों किनारों पर प्रशासनिक अधिकारी स्वयं निगरानी कर रहे हैं ताकि यात्रा में कोई बाधा न आए.

भोजन, पेयजल और सेवा की व्यवस्था

यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं के लिए सामाजिक संस्थाओं, स्थानीय ग्रामीणों और सेवादारों ने भोजन प्रसादी, चाय-नाश्ता और शुद्ध पेयजल की शानदार व्यवस्था की है. हर पड़ाव पर सेवा, सुरक्षा और भक्ति का संगम देखने को मिल रहा है. यात्रा मार्ग पर जगह-जगह भजन मंडलियां और सेवा शिविर श्रद्धालुओं की थकान मिटाने में लगे हैं.

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तेरह हजार श्रद्धालुओं को सुरक्षित पार कराया

एसडीओपी अर्चना रावत ने जानकारी दी कि अब तक करीब 13 हजार श्रद्धालुओं को नर्मदा नदी पार कराई जा चुकी है. प्रशासन की ओर से सभी सुरक्षा उपाय सक्रिय रूप से लागू किए गए हैं. पुलिस, राजस्व विभाग, जनपद पंचायत और अन्य कर्मचारी हर चरण पर समन्वय के साथ कार्य कर रहे हैं, ताकि यात्रा बिना किसी रुकावट के संपन्न हो सके.

श्रद्धा, अनुशासन और सेवा का अद्भुत संगम

नर्मदा पंचक्रोशी यात्रा सिर्फ एक धार्मिक परिक्रमा नहीं है, बल्कि यह श्रद्धा, अनुशासन और सेवा भावना का जीवंत उत्सव बन गई है. मां नर्मदा की गोद में सम्पन्न यह यात्रा समाज में सहयोग, एकता और भक्ति की मिसाल पेश कर रही है. ओंकारेश्वर से शुरू हुई यह पंचक्रोशी यात्रा इस बात का प्रतीक है कि जब आस्था और अनुशासन साथ चलते हैं, तो हर कदम स्वयं मां नर्मदा की कृपा से आलोकित हो जाता है.

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