Madhya Pradesh: विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बाद आचार संहिता के चलते रुके विकास कार्यों को एक बार फिर गति देने की तैयारी है. एक जुलाई 2024 को जबलपुर नगर निगम का बजट प्रस्तावित किए जाने के लिए नगर निगम जबलपुर सदन की सामान्य सभा की बैठक अध्यक्ष रिंकू विज के द्वारा बुलाई गई है.
इस सदन की बैठक में बचे हुए 9 महीने के लिए सदन में नगर निगम का बजट प्रस्तुत किया जाएगा. इस बैठक के हंगामेदार होने की पूरी उम्मीद की जा रही है. नगर निगम की सदन में अभी तक कांग्रेस के महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने पिछले साल का बजट प्रस्तुत किया था, लेकिन चुनाव के पूर्व कांग्रेस के महापौर जगत बहादुर सिंह के द्वारा भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर लेने से सारे समीकरण बदल गए और अब नगर निगम की सत्ता में भारतीय जनता पार्टी काबिज हो गई.
5 एमआईसी सदस्यों के साथ महापौर ने बनाया है बजट
महापौर जगत बहादुर सिंह के भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने से नगर निगम एक्ट के अनुसार पुनः चुनाव नहीं होते बल्कि महापौर द्वारा अपनी नई मेयर और काउंसिल का गठन कर लिया जाता है. महापौर ने पांच सदस्यों को अपनी मेयर इन काउंसिल में स्थान देकर बजट तैयार किया है. इस बजट में लगभग 350 करोड़ के कार्य प्रस्तावित किए गए हैं.
विपक्षी दल का नेता भी बदल गया
अभी तक भारतीय जनता पार्टी के कमलेश अग्रवाल विपक्षी दल के नेता थे लेकिन सत्ता परिवर्तन होते ही कांग्रेस के अमरीश मिश्रा को विपक्षी दल का नेता नियुक्त किया गया है. वहीं अयोध्या तिवारी बंटी को सदन का उपाध्यक्ष के रूप में मान्यता दी गई है. अभी मेयर और काउंसिल में चार सदस्यों की नियुक्ति और होना बाकी है.
हंगामेदार होगी सदन की बैठक?
नव नियुक्त विपक्षी दल के नेता अमरीश मिश्रा ने कांग्रेस पार्षद दल की बैठक बुलाकर यह साबित कर दिया है कि अब रणनीतिक तौर पर सदन में सत्ता पक्ष को घेरा जाएगा और विपक्ष में बैठी कांग्रेस मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी को घेरेगी. इसके लिए पूरी रणनीति तैयार की गई है कि कौन पार्षद कब और किन मुद्दों पर बात करेंगे ताकि सदन में कांग्रेस की बात रखी जा सके ना की सदन की बैठक हंगामे में बदल जाए और सदन स्थगित कर दिया जाए.
कांग्रेस करेगी बजट का विरोध
अमरीश मिश्रा ने NDTV से कहा शहर का बजट नगर निगम सत्ता पक्ष प्रस्तुत करेगा लेकिन हम लोग ने तय किया है कि नगर निगम का जो बजट है उसे वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी महापौर बनाया है. उन्हें जनमत कांग्रेस के महापौर के नाते मिला था. सदन में अगर महापौर को बजट पेश करना है तो इस्तीफा देकर पुनः महापौर बने, जनता के बीच में आए उसके बाद अपना बजट पेश करें. हम जानते हैं कि जनता के हित के लिए बजट होता है यह कांग्रेस पार्षद दल भी समझता है. लेकिन इन महापौर ने जनमत का खंडन कर दिया है जनता ने उनको वोट दिया था, जब वो कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े थे लेकिन उन्हें भारतीय जनता पार्टी जॉइन कर ये सिद्ध कर दिया है कि सिर्फ अपने व्यक्तिगत हित के लिए महापौर बनें हैं. हम सभी कांग्रेस पार्षद उस बैठक में उपस्थित होंगे लेकिन महापौर के इस बजट का विरोध करेंगे. यही हम लोगों नें रणनीति बनाई है.