MP से चीन, अमेरिका, UAE जैसे देशों में पहुंचता है चावल, यह प्रतिबंध हटने से उत्पादकों का बढ़ेगा मुनाफा

Rice Export: मध्य प्रदेश के चावल कई देशों में निर्यात किए जाते हैं. हाल ही में केंद्र सरकार ने गैर-बासमती चावल के निर्यात को लेकर जो फैसला लिया है उससे एमपी के चावल उत्पादक किसानों की आय बढ़ जाएगी. आइए जानते हैं सरकार ने क्या कुछ निर्णय लिया है और कैसे इससे चावल उत्पादकों और निर्यातकों को फायदा होगा?

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Non-Basmati White Rice Export: केंद्र सरकार ने गैर-बासमती चावल (Non-Basmat Rice) के निर्यात से प्रतिबंध हटाने का निर्णय लिया है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह कदम देश के चावल उत्पादकों को राहत देने वाला साबित होगा. इससे मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के चावल उत्पादक किसानों को भी फायदा मिलेगा. आंकड़े बताते हैं कि पिछले 10 सालों में (2015 से वर्ष 2024 तक) 12,706 करोड़ रुपये का चावल निर्यात (Rice Export) हुआ है. सबसे ज्यादा 3634 करोड़ का चावल निर्यात इसी साल हुआ है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने केंद्र सरकार के फैसले को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को धन्यवाद दिया है.

सरकार ने इतना घटाया निर्यात शुल्क

भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत विदेश व्यापार महानिदेशालय द्वारा 28 सितंबर को जारी नोटिफिकेशन के अनुसार गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात के लिए 490 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य निर्धारित किया गया है. इसके अलावा पारबॉइल्ड और ब्राउन चावल पर निर्यात शुल्क को 20% से घटाकर 10% कर दिया गया. इससे किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में और ज्यादा लाभ मिल सकेगा.

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मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस फैसले की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कृषि निर्यात में मजबूती की दिशा में एक ऐतिहासिक निर्णय है, जो देश और मध्यप्रदेश के किसानों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी पहचान स्थापित करने में मदद करेगा.

MP News: चावल निर्यात के आंकड़े

एमपी को मिलेगा फायदा

केन्द्र सरकार के इस फैसले का लाभ मध्यप्रदेश के चावल उत्पादक क्षेत्रों के किसानों को होगा. राज्य के प्रमुख चावल उत्पादन क्षेत्रों में जबलपुर, मंडला, बालाघाट और सिवनी शामिल हैं. ये अपनी उच्च गुणवत्ता वाले जैविक और सुगंधित चावल के लिए प्रसिद्ध हैं. इनमें मंडला और डिंडोरी के जनजातीय क्षेत्रों का सुगंधित चावल और बालाघाट के चिन्नौर चावल को जीआई टैग प्राप्त है. इस पहचान के कारण यहां के चावल को अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में लोकप्रियता मिली है.

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मध्यप्रदेश से चावल के प्रमुख निर्यात बाजारों में चीन, अमेरिका, यूएई और यूरोप के कई देश शामिल हैं. इस निर्णय से न केवल राज्य के चावल उत्पादकों की आय में वृद्धि होगी बल्कि जनजातीय क्षेत्रों के उत्पादों को भी वैश्विक पहचान मिलेगी.

मध्यप्रदेश के चावल उद्योग ने पिछले कुछ वर्षों में अत्यधिक वृद्धि देखी है. इन सालों में 200 से अधिक नई चावल मिलों की स्थापना हुई है. इस फैसले से प्रदेश के किसानों और निर्यातकों को अच्छा लाभ मिलने की संभावना है. अब वे अपने चावल को न्यूनतम निर्यात मूल्य से अधिक दरों पर अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में बेच सकेंगे.

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