मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में रविवार को दक्षिण अफ्रीकी मादा चीता निरवा को प्रातः लगभग 10 बजे उद्यान के धोरट परिक्षेत्र से स्वास्थ्य परीक्षण के लिए कैप्चर किया गया. गत 21 जुलाई से निरवा की कॉलर से सैटेलाइट के माध्यम से मिलने वाली लोकेशन प्राप्त होना बंद हो गई थी. उसकी खोज लगभग 22 दिनों से लगातार जारी थी.
मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक - वन्यप्राणी एवं मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक ने एक प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि, पार्क प्रबंधन वृहद स्तर पर निरवा की खोजबीन में लगा हुआ था. सौ से भी ज्यादा संख्या में प्रबंधन स्टाफ दिन-रात पूरे संभावित क्षेत्र में निरवा की खोजबीन में लगे हुए थे. क्षेत्र में पैदल सर्च पार्टियों के अलावा दो ड्रोन टीमें, एक डॉग स्क्वाड और उपलब्ध हाथियों से निरवा को ढूंढने का अभियान चलाया जा रहा था. प्रतिदिन लगभग 15-20 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में खोजबीन की जा रही थी.
इसके अलावा, स्थानीय ग्रामीणों को निरवा के संबंध में अवगत कराकर उनसे प्राप्त होने वाली समस्त सूचनाओं का तत्काल परीक्षण एवं सत्यापन कराया जा रहा था. इसी दौरान सहसा 11 अगस्त की शाम की निरवा की लोकेशन सैटेलाइट के माध्यम से प्राप्त हुई. तुरंत ही सर्च टीमों को प्राप्त लोकेशन पर भेजा गया. सैटेलाइट के माध्यम से निरवा की 12 अगस्त की अन्य लोकेशन भी प्राप्त हुईं.
डॉग स्क्वाड और ड्रोन टीमों की सहायता से वन्यप्राणी चिकित्सकों की टीम ने अंततः निरवा को शाम के समय लोकेट कर लिया, किन्तु वे उसे कैप्चर नहीं कर सके. निरवा स्वस्थ दिखाई पड़ी और गतिमान थी. चूंकि अंधेरा घिरने वाला था अतः केप्चर ऑपरेशन को अगले दिन तक स्थगित कर दिया गया. ड्रोन टीमों को रात भर निरवा के लोकेशन पर निगाह रखने की ज़िम्मेदारी दी गई जिसे टीमों ने बखूबी निभाया.
ड्रोन टीमों द्वारा उपलब्ध कराई गई लोकेशन की जानकारी के आधार पर रविवार को प्रातः 4 बजे से ऑपरेशन प्रारंभ किया गया. लगभग 6 घंटे तक चले ऑपरेशन के पश्चात निरवा को सफलतापूर्वक केप्चर कर लिया गया. निरवा पूरी तरह से स्वस्थ है और उसे स्वाथ्य परीक्षण के लिए बोमा में रखा गया है.
उद्यान में सभी 15 चीते (7 नर, 7 मादा तथा 1 मादा शावक) स्वस्थ हैं और सभी अब बोमा में हैं. कूनो वन्यप्राणी चिकिसकों की टीम की सतत निगरानी में उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है.