
Death in Traffic Jam: इंदौर-देवास (Indore Dewas Highway) के बीच डकाचिया अर्जुन बडौदा में ब्रिज निर्माण (Arjun Baroda Bridge) के चलते लगभग 40 घंटे तक भयंकर जाम लगा था, जिससे 3 लोगों की मौत हो गई थी. फिर यह मामला इंदौर के हाईकोर्ट (Indore High Court) पहुंच गया. देवास के अधिवक्ता आनंद अधिकारी ने जाम को लेकर जनहित याचिका दायर की, फिर पूरे सिस्टम की परतें खुलने लगीं. कोर्ट में भी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने अपना पक्ष रखा, लेकिन एनएचएआई का जवाब सुनकर सब लोग चौंक गए.

ये था एनएचएआई का जवाब
NHAI ने जाम और वहां लोगों की मौतों को भ्रामक बताया. साथ ही कहा कि लोग इतनी जल्दी घर से निकलते ही क्यों हैं? कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 7 जुलाई तय की है.
लंबे जाम में लोगों की मौत के बाद अब केंद्र सरकार के मंत्रालय से लेकर कलेक्टर, टोल कंपनी, पुलिस कमिश्नर, और सड़क बना रही कंपनी सभी कटघरे में हैं.

लोगों की हार्ट अटैक से गई जान
डकाचिया अर्जुन बडौदा में ब्रिज निर्माण हो रहा है. इस वजह से यातायात का आवागमन नहीं हो पा रहा है. दूसरी ओर बारिश की वजह आसपास की कच्ची सड़कें गीली हो गईं और जलभराव भी हो गया. इस वजह से 27 जून को लगे इस भंयकर जाम के चलते तीन लोगों की जान चली गई. दो लोगों को हार्ट अटैक आया था और वो समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाए. वहीं, एक कैंसर पीड़ित मरीज की दम छुटने से मौत हो गई. जाम करीब 5-6 किलोमीटर तक लगा रहा. वहीं, पुलिस प्रशासन, एनएचएआई के अधिकारी और वॉलेंटियर्स को भी जाम खुलवाने में पसीने छूट गए. हालांकि कड़ी मशक्कत से लगभग 40 घंटे बाद अब जाम खुल पाया. जाम में एंबुलेंस, बसें, निजी वाहन, स्कूल बसें भी फंसी रही थीं.
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