NTES: भोपाल मंडल में 'नेक्स्ट जनरेशन एनटीईएस'! रेल यात्रियों को तुरंत मिलेगा पूछताछ का सही जवाब

NTES: इस तकनीक से सबसे बड़ा बदलाव यह हुआ है कि अब यात्रियों को जवाब के लिए इंतजार नहीं करना पड़ता, और स्टेशन पर भ्रम की स्थिति खत्म होती है. लेकिन इस बदलाव का मुख्य केंद्रबिंदु पूछताछ काउंटर का कर्मचारी है, जो अब इस सिस्टम के जरिए पहले से कहीं अधिक दक्षता और आत्मविश्वास के साथ सेवा दे पा रहा है.

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National Train Enquiry System: नेक्स्ट जनरेशन एनटीईएस

National Train Enquiry System, Indian Railways: भोपाल रेलवे स्टेशन (Bhopal Railway Station) के पूछताछ काउंटर पर एक नई तकनीकी क्रांति की शुरुआत हुई है. अब ‘नेक्स्ट जनरेशन एनटीईएस (National Train Enquiry System) यानी नेशनल ट्रेन एनक्वायरी सिस्टम पोर्टल की मदद से पूछताछ पर कार्यरत रेलवे कर्मचारी पहले से कहीं अधिक सक्षम हो गए हैं. वे अब यात्रियों को न केवल तुरंत जानकारी दे सकेंगे, बल्कि पहले से अधिक सटीक, विस्तृत और रियल टाइम उत्तर भी दे पाएंगे. यह कदम भारतीय रेलवे के डिजिटल परिवर्तन अभियान का हिस्सा है, जो न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ा रहा है, बल्कि फ्रंटलाइन रेलवे कर्मचारियों को तकनीक से लैस कर रहा है, ताकि वे और बेहतर सेवा दे सकें.

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रियल टाइम डाटा मिलेगा : DRM भोपाल

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ कटारिया ने बताया कि इस अत्याधुनिक पोर्टल के जरिए अब स्टेशन पर तैनात कर्मचारी कोच पोजिशन, ट्रेन की वर्तमान स्थिति, संभावित विलंब, आगमन-प्रस्थान की वास्तविक टाइमिंग और अगले 8 घंटे में आने वाली ट्रेनों की पूरी जानकारी एक क्लिक में उपलब्ध हो रही है. यह सारा डेटा रियल टाइम में अपडेट होता है, जिससे पूछताछ कर्मचारी बिना किसी देरी के हर सवाल का जवाब दे सकता है.

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इस तकनीक से सबसे बड़ा बदलाव यह हुआ है कि अब यात्रियों को जवाब के लिए इंतजार नहीं करना पड़ता, और स्टेशन पर भ्रम की स्थिति खत्म होती है. लेकिन इस बदलाव का मुख्य केंद्रबिंदु पूछताछ काउंटर का कर्मचारी है, जो अब इस सिस्टम के जरिए पहले से कहीं अधिक दक्षता और आत्मविश्वास के साथ सेवा दे पा रहा है.

इस कदम के प्रमुख लाभ

  • कर्मचारी को तुरंत सटीक जानकारी मिलने से यात्रियों को तेजी से और भरोसेमंद उत्तर मिल रहे हैं.
  • कोच पोजिशन की पूर्व जानकारी से यात्रियों को भीड़ से बचते हुए सही स्थान पर समय से पहुंचने में मदद.
  • रियल टाइम अपडेट्स से यात्रियों की उलझन और मानसिक तनाव में कमी.
  • स्टेशन स्टाफ की कार्यक्षमता में सुधार और यात्री सेवा के स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि.

यह सुविधा वर्तमान में भोपाल मंडल के 7 प्रमुख स्टेशनों – भोपाल, रानी कमलापति, संत हिरदाराम नगर, बीना, गुना, इटारसी एवं विदिशा – पर क्रमशः लागू की जा रही है.

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