Jabalpur News: मध्य प्रदेश की संस्कारधानी (Cultural capital of Madhya Pradesh) कहलाने वाले शहर जबलपुर (Jabalpur) में बेसहारा बुजुगों के लिए वृद्धाश्रम (Old Age Home) का नया सुविधाजनक भवन बनाया गया है. लेकिन यहां प्रशासन की लापरवाही को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि इस नए भवन के कभी बुजुर्गों के लिए नहीं खुलेंगे, उद्घाटन की राह देखते-देखते यह नई बिल्डिंग कहीं बूढ़ी न हो जाए. सरकार का वादा नए आवास देने का था, लेकिन अभी भी पुराने भवन में ही वृद्ध रहने को मजबूर हैं. अगर ऐसा ही चलता रहा तो करोड़ों रुपये की लागत से तैयार की गई नई बिल्डिंग खंडहर में तब्दील हो जाएगी.
लोकापर्ण के आठ महीने बाद भी नहीं हुआ 'प्रवेश कार्यक्रम'
बुजुर्गों को नया आवास देने के लिए बाजनामठ में 2 करोड़ 59 लाख रुपये की लागत से खड़ी की गई यह इमारत जब बनकर तैयार हुई तो इसका लोकार्पण पिछले वर्ष जून के महीने में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Former Chief Minister of Madhya Pradesh) कर गए. आनन-फानन में लोकार्पण इसलिए किया गया था क्योंकि उन दिनों विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Election 2023) सिर पर थे.
3 साल में बनकर हुआ था तैयार
जबलपुर के बाजनामठ के समीप बेसहारा वृद्धों के लिए जो रहवास बनाया गया है वह 3 साल में बनकर तैयार हुआ था और 8 माह से बंद पड़ा है. इस दो मंजिला भवन को आधुनिक साज-सज्जा के साथ बनाया गया है. 10 जून 2023 को पूर्व CM शिवराज सिंह चौहान ने बनकर तैयार इस भवन का लोकार्पण भी किया, लेकिन फिर भी अभी तक ताला लटक रहा है.
जिम्मेदारों का क्या कहना है?
कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है कि पुरानी बिल्डिंग 100 सीटर है, जिसमें ज्यादा-ज्यादा लोग रह रहे हैं और वहीं यह नई बिल्डिंग 50 सीटर है, हम अभी यह विचार कर रहे हैं कि पुरानी बिल्डिंग से कुछ लोगों को यहां शिफ्ट कर दिया जाए या फिर नए एडमिशन लिया जाए, जल्दी इस पर निर्णय लिया जाएगा. ये तो हुआ जिम्मेदार का बयान, अब देखना है कि शासन स्तर पर निर्णय होने तक बिल्डिंग खंडहर में तब्दील न हो जाए.
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