अब इस विदेशी नेता ने भारत में की जातिगत जनगणना की वकालत, जानें क्या कहा?

नेपाल के पूर्व केंद्रीय मंत्री विश्वेंद्र पासवान ने कहा कि नेपाल के काठमांडू में फरवरी में होने जा रहे सार्क देशों के सम्मेलन में कई प्रतिनिधि आएंगे और सभी एक सुर में भारत में जातिगत जनगणना की मांग उठाएंगे.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

MP News in Hindi: मध्य प्रदेश के ग्वालियर पहुंचे नेपाल के पूर्व केंद्रीय मंत्री विश्वेंद्र पासवान ने देश में जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की है. इसके अलावा उन्होंने फरवरी में नेपाल के काठमांडू में होने जा रहे सार्क देशों के सम्मेलन में कई प्रतिनिधि आएंगे और सभी एक सुर में भारत में जातिगत जनगणना की मांग उठाएंगे. वहीं उन्होंने बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हिंदू एकता यात्रा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि मैं उनके विचार का स्वागत करता हूं, लेकिन उन्हें अपने अंदर की गैर बराबरी की मानसिकता को दूर करना चाहिए.

काठमांडू सार्क सम्मेलन में उठाएंगे जातिगत जनगणना की मांग 

ग्वालियर OBC महासभा के नेताओं के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए नेपाल के पूर्व केंद्रीय मंत्री विश्वेंद्र पासवान ने जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग PM मोदी से करते हुए कहा कि मोदी जी को इसके लिए कैबिनेट से बिल पास करना चाहिए. सामाजिक न्याय के लिए ये जरूरी है कि देश में जाति का जनगणना कराई जाए. उन्होंने जातिगत जनगणना को सार्क देश का मुद्दा बताया और कहा कि काशीराम जी और शरद यादव भी जातिगत जनगणना के पक्षधर थे.

Advertisement

उन्होंने कहा कि नेपाल के काठमांडू में फरवरी में होने जा रहे सार्क देशों के सम्मेलन में कई प्रतिनिधि आएंगे और सभी एक सुर में भारत में जातिगत जनगणना की मांग उठाएंगे.

Advertisement

धीरेंद्र शास्त्री पर उठाये सवाल 

वहीं बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हिंदू एकता यात्रा पर सवाल खड़े करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री विश्वेंद्र पासवान ने कहा कि हिंदुओं की एकता के विचार को मैं स्वागत करता हूं, लेकिन उन्हें अपने अंदर की गैर बराबरी की मानसिकता को दूर करना चाहिए, क्योंकि मानव अधिकार की रक्षा सबसे महत्वपूर्ण है.  अगर आप न्याय चाहते हैं तो दूसरे को भी न्याय देना होगा. हम 1972 से एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं. संविधान तैयार होने से पहले भी सामाजिक न्याय की बात बाबा साहब अंबेडकर ने की है. इसलिए हम सभी राजनीतिक दलों से यह मांग करते हैं जातिगत जनगणना कराई जानी चाहिए.

Advertisement

हिंदू एक जात नहीं संस्कार है...

उन्होंने बांग्लादेश में हो रही हिंदुओं पर हिंसा को लेकर कहा कि वहां पर हिंदुओं पर हिंसा बंद की जानी चाहिए. सभी को समानता के साथ जीने का अधिकार है, इसलिए बांग्लादेश में हिंदुओं को भी समानता के साथ जीने का पूर्ण अधिकार है. हिंदू एक जात नहीं है एक संस्कार है. इसलिए संस्कारों को सम्मान मिलना चाहिए.

ये भी पढ़े: MP Board: एमपी बोर्ड के परीक्षा पैटर्न में हुए बड़े बदलाव, इंटर-मैट्रिक का मॉडल पेपर-प्रश्न पत्र जारी

Topics mentioned in this article