भिंड में अफसरों की लापरवाही से फसल बर्बाद, किसानों की गुहार- मुआवजा नहीं मिला तो भूखे मर जाएंगे

MP Farmers: मध्य प्रदेश के भिंड जिले में पहले तो किसानों को नहरों के माध्यम से इतना कम पानी दिया गया कि उनके खेतों तक पानी पहुंचा ही नहीं, वहीं शिकायत के बाद सिंचाई विभाग ने इतना पानी छोड़ दिया कि खेत जलमग्न हो गए. अब किसानों का कहना है कि मुआवजा नहीं मिला तो उनको भूखों मरना पड़ेगा. वहीं अफसरों का कहना है कि सिंचाई के लिए आ रहे पानी को बंद कर दिया गया है. साथ ही जो नुकसान हुआ है उसका सर्वे कर जल्द ही मुआवजा दिलाने का प्रयास करेंगे.

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Irrigation Systems: भिंड (Bhind) जिले के अन्नदाताओं (MP Farmers) की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पहले अन्नदाता खाद (Fertilizer Crisis) के संकट से जूझ रहे थे. अब सिंचाई विभाग के अफसरों की लापरवाही भारी पड़ रही है. नहर में छोड़े गए पानी का कंट्रोल न होने की वजह से ओवरफ्लो की समस्या देखने को मिली है, जिससे खेतों में पानी भर गया है और जिन फसलों की राह किसान देख रहे थे वे तबाह हो गई. जब जरूरत थी तब यह पानी छोड़ा नहीं गया था, वहीं अब इतना पानी दे दिया कि खेत तलाब जैसे बन गए. भिंड दौरे पर आए जिले के प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल ने बैठक के दौरान इस मुद्दे पर नाराजगी जताते हुए सिंचाई विभाग के अफसरों की खिंचाई कर दी. उन्होंने कहा कि इतना पानी कैसे छोड़ दिया कि किसानों के खेत पानी से जलमग्न हो गए? किसानों की 100 बीघा की फसल पूरी तरह से डूब गई. वहीं अफसर अब सर्वे कराकर उचित मुआवजा दिलाने की बात कर रहे है.

क्या है मामला?

लहार इलाके की नहरों में दतिया जिले से पानी छोड़ा जाता है. किसानों का आरोप है कि इस बार रबी सीजन में बोवनी के लिए भिंड के साथ भेदभाव किया गया. दतिया जिले से बहुत ही कम पानी छोड़ा गया, जो भिंड जिले के किसानों तक नहीं पहुंचा. जब इसकी शिकायत किसानों ने जनप्रतिनिधि और अफसरों से की तो मंत्री के जिला पंचायत में योजना समिति की बैठक में यह मुद्दा उठाया.

इसके बाद प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल ने खुद दतिया जिले के अधिकारियों की इस गड़बड़ी को स्वीकार किया. उन्होंने माना कि भिंड के साथ सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति में भेदभाव हुआ है. मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा था कि वे इस संबंध में जल संसाधन विभाग के मंत्री को पत्र लिखेंगे. साथ ही, उन्होंने भिंड कलेक्टर को भी दतिया जिले के अधिकारियों से पत्राचार करने के लिए निर्देशित किया था.

इसके बाद सिंचाई विभाग के अफसरों में हड़कंप मच गया. सिंचाई विभाग के अफसरों ने किसानों के सिंचाई के लिए इतना पानी छोड़ा कि वह ओवरफ्लो हो गया. जिससे लहार के दबोह क्षेत्र के बीसनपुरा गांव के अन्नदाताओं की खाद और बीज से तैयार खड़ी 100 बीघा की फसल में पानी भरने से नष्ट हो गई.

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