मध्यप्रदेश की धरती पर अब नहीं बचेंगे नक्सली! CM मोहन यादव ने कहा- सरेंडर करें, नहीं तो मारे जाएंगे

Naxalism in Madhya Pradesh: पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने कहा कि वर्ष 1990 से बालाघाट नक्सलवाद से जूझ रहा है. केंद्र सरकार के संकल्प के अनुरूप वर्ष 2026 तक पूरी तरह से नक्सलवाद के खात्म के प्रयास जारी हैं. बालाघाट में नए पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति के साथ नए पुलिस कैंप स्थापित किए गए हैं.

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Naxalism in Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश की धरती पर अब नहीं बचेंगे नक्सली

Naxalism in Madhya Pradesh: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बालाघाट के लांजी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में वर्ष-2026 तक देशभर से नक्सलवाद के खात्मे का संकल्प लिया गया है. इसे पूरा करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार भी केंद्र सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही है. इसी क्रम में बालाघाट जिले के पिछले दिनों नक्सल मुठभेड़ों में शामिल रहे पुलिस फोर्स, हॉक फोर्स और विशेष सशस्त्र बल के 64 पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों को क्रम पूर्व पदोन्नति प्रदान की गई है. राज्य सरकार का यह महत्वपूर्ण कदम पुलिसकर्मियों का हौसला बढ़ाएगा. क्रम पूर्व पदोन्नति पुलिस इतिहास में स्वर्णिम क्षण है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बालाघाट कभी अत्यधिक नक्सल प्रभावित 12 जिलों की सूची में शामिल था. सरकार की मंशा और पुलिस के परिश्रम से अब केंद्र सरकार ने बालाघाट को गंभीर समस्या वाली श्रेणी से बाहर कर अन्य श्रेणी में रखा है. बालाघाट में नक्सल गतिविधियों में गिरावट प्रशंसनीय है. उन्होंने बैज लगाकर पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को पदोन्नत कर किया और बधाई दी.

राज्य सरकार नक्सलियों से निपटने में सक्षम

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को 4 दिन की लड़ाई में पस्त कर दिया. गृह मंत्री शाह के नेतृत्व में देशभर में नक्सल विरोधी अभियान संचालित हो रहा है. इस अभियान को मजबूती देने के लिए मध्यप्रदेश पुलिस को आधुनिक हथियारों और तकनीक से लैस किया जा रहा है. राज्य सरकार नक्सलियों से निपटने में पूरी तरह सक्षम है. बालाघाट की धरती पर यह अलंकरण समारोह नक्सलियों को सीधा संदेश है कि वे सरेंडर करें नहीं तो मारे जाएंगे. प्रदेश की धरती पर नक्सल का खूनी खेल अब नहीं चलेगा. उन्होंने कहा कि आज बालाघाट में पुलिस के वीरों का सम्मान हो रहा है. पुलिसकर्मी जान की बाजी लगाकर नागरिकों की सुरक्षा करते है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सर्वोच्च बलिदान देने वाले 37 वीर पुलिसकर्मियों को नमन करते हुए कहा कि जिसका जन्म हुआ है, उसकी मृत्यु निश्चित है, लेकिन मृत्यु ऐसी हो, जिस पर देश, प्रदेश और समाज गर्व करे.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बालाघाट खनिज और जल संपदा से परिपूर्ण है. यहां तांबा और मैग्नीज के भंडार हैं. बालाघाट के चिन्नौर चावल को जीआई टैग प्राप्त होना, हमारे लिये गौरव की बात है. बालाघाट में नक्सलियों के खात्मे के साथ विकास के कार्य भी निरंतर जारी हैं.

यहां आयुर्वेद से जुड़ी भरपूर संपदा है. नर्सिंग और पैरामेडिकल के कोर्स भी आयुर्वेदिक कॉलेज में चलाए जाएंगे. एक समय था जब वर्ष 2002-03 तक मध्यप्रदेश में एलोपैथी के मात्र 5 मेडिकल कॉलेज थे. अब प्रदेश में इनकी संख्या 30 है. इसके अतिरिक्त 8 और नए मेडिकल कॉलेज खुलने वाले हैं.

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बालाघाट में मारे गए नक्सलियों पर था 1 करोड़ रुपए का इनाम

पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने कहा कि वर्ष 1990 से बालाघाट नक्सलवाद से जूझ रहा है. केंद्र सरकार के संकल्प के अनुरूप वर्ष 2026 तक पूरी तरह से नक्सलवाद के खात्म के प्रयास जारी हैं. बालाघाट में नए पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति के साथ नए पुलिस कैंप स्थापित किए गए हैं. केन्द्र सरकार ने नक्सल समस्या में बालाघाट और डिंडौरी की श्रेणी को न्यून किया है. आज 4 अलग-अलग प्रकरणों में शामिल पुलिसकर्मियों को पदोन्नति दी गई है. पिछले दिनों मुठभेड़ में एक साथ 4 महिला नक्सली धराशायी की गई थीं. बालाघाट में पिछले दिनों मारे गए नक्सलियों पर 1 करोड़ से भी अधिक राशि का इनाम घोषित था.

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