
National Handloom Day 2025: राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस हर वर्ष 7 अगस्त को मनाया जाता है. वर्ष 2015 में इसी दिन भारत सरकार ने हाथकरघा क्षेत्र के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे मान्यता दी थी. यह दिन स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक प्रेरक कदम माना जाता है. वहीं मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के गौहर महल में आयोजित सावन मेले में 11वें राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस का आयोजन 7 अगस्त को किया जा रहा है. इस अवसर पर मध्यप्रदेश के कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री दिलीप जायसवाल मुख्य अतिथि होंगे.
आज राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर आइए उन बुनकरों को नमन करें, जो अपने हुनर से भारत की सांस्कृतिक पहचान बुनते हैं। 🇮🇳🧵#NationalHandloomDay@TexMinIndia @girirajsinghbjp @AshwiniVaishnaw @DrLMurugan @PmargheritaBJP @NHDC_Textiles @PIBTextiles @PIBHindi @DDNewsHindi pic.twitter.com/TK7DYEmbvV
— सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (@MIB_Hindi) August 7, 2025
कब से कब तक होगा आयोजन?
तीन दिनों तक चलने वाले इस उत्सव का विशेष आकर्षण का केन्द्र फैशन शो रहेगा. महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज इंदौर और भोपाल के सहयोग से आयोजित होने वाले इस शो में मध्यप्रदेश की पारंपरिक बुनाई शैलियों चंदेरी, महेश्वरी, बाग प्रिंट आदि पर आधारित परिधानों का प्रदर्शन करेंगी. यह फैशन शो आधुनिकता और परंपरा के संगम को प्रस्तुत करेगा. फैशन शो शाम 7 बजे शुरू होगा.
तीन दिवसीय उत्सव के दौरान युवा, स्टार्टअप, फ्यूज़न, वेबकॉमर्स, हैकेथॉन, न्यू सैंपल्स, सोशल मीडिया, टेक्नोलॉजी, मॉडर्न ट्रेंड्स पर आधारित गतिविधियां होगी. आयोजन में 8 अगस्त को सांस्कृतिक संध्या के साथ संगीत और नृत्य की प्रस्तुतियों के माध्यम से भारतीय संस्कृति की विविधता को रेखांकित किया जाएगा.
7 अगस्त, 1905 को एक क्रांति की शुरुआत हुई थी। स्वदेशी आंदोलन ने स्थानीय उत्पादों और खासकर handloom को एक नई ऊर्जा दी थी। इसी स्मृति में देश हर साल 7 अगस्त को ‘National Handloom Day' मनाता है। आज ‘National Handloom Day' के 10 साल पूरे हो रहे हैं। आजादी की लड़ाई के समय जैसे… pic.twitter.com/5RLCugNJ07
— Vijay Kumar Sinha (@VijayKrSinhaBih) August 7, 2025
संत कबीर पुरस्कार और राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के मुख्य आतिथ्य में 11वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 7 अगस्त गुरूवार को भारत मण्डपम्, नई दिल्ली में देश भर से लगभग 650 बुनकर इस समारोह में भाग लेंगे. इनके अलावा, विदेशी खरीदार, प्रतिष्ठित व्यक्ति, निर्यातक, वरिष्ठ शासकीय अधिकारी भी समारोह में शामिल होंगे. उत्कृष्ट बुनकरों को 5 संत कबीर पुरस्कार और 19 राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार प्रदान किए गए.
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