National Cooperative Week 2025: मध्य प्रदेश में इस बार राष्ट्रीय सहकारिता सप्ताह 14 से 20 नवंबर तक बड़े स्तर पर मनाया जाएगा. इसकी तैयारियों को लेकर सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने गुरुवार को मंत्रालय में बैठक की. उन्होंने अधिकारियों को कार्यक्रमों के प्रभावी संचालन और जनभागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. इस वर्ष का थीम “आत्मनिर्भर भारत के माध्यम के रूप में सहकारिता” तय किया है, जो सहकारिता की ताकत को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ाने का संदेश देता है.
बैठक में बताया गया कि इस वर्ष राष्ट्रीय सहकारिता सप्ताह की थीम “आत्मनिर्भर भारत के माध्यम के रूप में सहकारिता” रखी गई है. इसका उद्देश्य यह दिखाना है कि सहकारी समितियाँ किस तरह देश की आर्थिक रीढ़ बन रही हैं. विशेष रूप से कृषि, ग्रामीण ऋण, महिला सशक्तिकरण, सूक्ष्म-उद्यम और स्थानीय उत्पादन जैसे क्षेत्रों में सहकारिता न सिर्फ आर्थिक मजबूती देती है, बल्कि यह सतत और समावेशी विकास का आधार भी बन रही है.
मंत्री सारंग ने दिए जरूरी निर्देश
मंत्री विश्वास सारंग ने अधिकारियों से कहा कि सहकारिता सप्ताह के दौरान ऐसे कार्यक्रम आयोजित हों जो आम जनता में सहकारिता के प्रति जागरूकता बढ़ाएं. उन्होंने कहा कि “सहकार से समृद्धि” का भाव हर गांव और हर नागरिक तक पहुंचना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि इस दौरान ग्रामीण और शहरी दोनों स्तरों पर विशेष जनजागरण कार्यक्रम चलाए जाएं, ताकि सहकारी आंदोलन की पहुँच व्यापक हो सके.
नागरिक बैंकों और सहकारी समितियों पर विशेष ध्यान
मंत्री सारंग ने बैठक में यह भी कहा कि प्रदेश में नागरिक बैंकों को मुख्यधारा में लाने के प्रयास तेज किए जाएं. इस दिशा में महाराष्ट्र के विशेषज्ञों को बुलाकर एक विशेष विचार-विमर्श सत्र आयोजित किया जाएगा. उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि सहकारी समितियों द्वारा बनाए गए स्वदेशी उत्पादों के प्रचार और विपणन के लिए एक ऐसा मंच तैयार किया जाए, जहां उत्पादकों और उपभोक्ताओं को सीधे जोड़ा जा सके.
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स्वदेशी उत्पाद और नवाचार को मिलेगा बढ़ावा
बैठक में निर्णय लिया गया कि इस वर्ष की प्रदर्शनी में स्वदेशी केंद्रित नवाचारों और स्थानीय उत्पादों को प्रमुखता दी जाएगी. इसका उद्देश्य आत्मनिर्भरता की भावना को मजबूत करना और स्थानीय स्तर पर बने उत्पादों को बढ़ावा देना है. मंत्री सारंग ने कहा कि यह प्रदर्शनी राज्य की सहकारी समितियों की उपलब्धियों को सामने लाने का बेहतर अवसर होगी.
‘सहकारिता मंथन' और पारदर्शी प्रणाली पर जोर
मंत्री सारंग ने निर्देश दिए कि प्रदेश की विभिन्न सहकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ “सहकारिता मंथन” नाम से एक विशेष संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाए. इसमें विभाग से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी और उनके समाधान के ठोस कदम तय किए जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि उपार्जन और खाद वितरण प्रणाली को और अधिक पारदर्शी और सरल बनाने पर ध्यान दिया जाए.
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बैठक में शामिल हुए वरिष्ठ अधिकारी
इस बैठक में आयुक्त एवं पंजीयक सहकारिता मनोज पुष्प, उपभोक्ता संघ के प्रबंध संचालक ऋतुराज रंजन, बीज संघ के प्रबंध संचालक महेन्द्र दीक्षित सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.