'मेरा अगला टारगेट अंबानी'... अचलेश्वर मंदिर की पेटी से निकला धमकी भरा स्टांप, जांच में जुटी पुलिस

MP News: ग्वालियर के प्रसिद्ध अचलेश्वर महादेव मंदिर की दान पेटी से रकम की गिनती के समय एक स्टांप पेपर निकला जिसपर मुकेश अंबानी को धमकी भरा संदेश लिखा मिला. स्टाम्प पेपर पर युवक ने अपना नाम और पता भी लिखा हुआ है.

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मुकेश अंबानी को धमकी देती एफेडेविट हुई बरामद

Gwalior News: ग्वालियर के प्रसिद्ध अचलेश्वर महादेव मंदिर में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. मंदिर की दान पेटी से निकले एक स्टांप पेपर पर मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) को धमकी भरा संदेश लिखा मिला है. इस घटना ने पूरे शहर में सनसनी फैला दी है.

दान पेटियों की गिनती के दौरान जब यह स्टांप मिला, तो सभी लोग हैरान रह गए. स्टांप पेपर पर लिखा था, "मेरा अगला टारगेट मुकेश धीरूभाई अंबानी मुंबई". इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया है और मामले की जांच शुरू कर दी है.

पुलिस तक नहीं पहुंचा स्टांप

जानकारी के अनुसार खबर लिखने तक पुलिस के पास धमकी भरा हुआ स्टांप नहीं पहुंचा था. अचलेश्वर मंदिर के ट्रस्ट से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि सभी पदाधिकारियों से बातचीत के बाद ही इस स्टांप को पुलिस को दिया जाएगा.

धमकी के अलावा और भी पर्चियां 

मंदिर के PRO राजेश पराशर का कहना है कि उन्हें मंदिर की पेटी से कितना पैसा और सामान निकल उस से मतलब होता है. कौन किसी पर्ची में क्या लिख रहा है क्या नहीं उस से मतलब नहीं है. इस बार के कलेक्शन के बारे में बताते हुए पीआरओ ने बताया कि इस बार 6 लाख 54 हजार से ज्यादा कैश और सोने चांदी के सिक्के निकले हैं. इस धमकी भरे ऐफिडेविट के अलावा और भी मन्नत से जुड़ी पर्चियां निकली हैं. इन पर्चियों से मंदिर का कोई लेना देना नहीं है. 

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पेशे से ऐडवोकेट है युवक 

मंदिर के दानपेटी में पाए गए ऐफ़िडेविट के हिसाब से स्टांप पेपर पूर्व एडवोकेट मनोज शर्मा के नाम से है. मनोज शर्मा ग्वालियर का ही रहने वाला है. इससे पहले भी सहारा श्री सहित कई दिग्गज हस्तियों पर स्याही फेंक चुका है ये युवक.

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750 साल पुराना है शिवलिंग

ग्वालियर में स्थित अचलेश्वर महादेव के बारे में कहा जाता है कि ये स्वयंम्भू शिवलिंग हैं. जो कि करीब 750 साल पहले ये खुद ही प्रकट हुआ था. आगे चलकर यहां छोटा सा मंदिर बना दिया गया. ग्वालियर पर कब्जा करने के बाद सिंधिया राजवंश ने 18वीं सदी में ग्वालियर को राजधानी बनाया. सिंधिया राजवंश ने राजकाज चलाने के लिए उस दौर में महाराजबाड़ा बनवाया. इसके साथ ही किले के नीचे जयविलास महल (Jai Vilas Palace) बनवाया.

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