मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के शीतला माता बाजार में मुसलमानों की नौ एंट्री के फरमान के बाद अब अब बुरहानपुर में भी ऐतिहासिक बालाजी मेले में मुसलमानों की एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
जिस तरह इंदौर के शीतला माता कपड़ा बाजार में मुस्लिम समाज के कर्मचारियों को हटाया गया. इसके बाद इंदौर में ही एक धार्मिक मेले में मुस्लिम समाज के दुकानदारों, झूला संचालकों को अपनी दुकानें व झूले हटाने को कहा गया. अब ठीक उसी तरह का मामला बुरहानपुर में भी सामने आया है. यहां सालों से दुकान लगा रहे बुजुर्ग व्यापारी अख्तर भाई ने बताया कि शुक्रवार देर रात कुछ युवा आए जो खूद को हिंदू संगठन का कार्यकर्ता बता रहे थे. उन्होंने सभी मुस्लिम व्यापारियों से अपनी-अपनी दुकानें हटाने को कहा. इसके बाद सभी व्यापारी बालाजी मंदिर के पुजारी चंद्रकांत बालाजी वाले के पास गए. इस दौरान पुजारी ने कहा मैं इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता. आप अपनी दुकानें अपने रिस्क पर लगाएं. लिहाजा, सभी व्यापारियों ने एक मत हो कर अपनी-अपनी दुकानें हटाने का फैसला किया. हालांकि, इन लोगों ने इस घटना की प्रशासन से शिकायत नहीं की है.
मुस्लिम व्यापारियों ने हटा ली अपनी दुकानें
दरअसल, यहां लगने वाले ऐतिहासिक बालाजी के मेले में कई सालों से मुस्लिम समाज के लोग अपनी खिलौने घरेलू सामान व बर्तन की दुकान लगाते चले आ रहे हैं, लेकिन मेले के पहले दिन जब सभी ने अपनी अपनी दुकानें लगाई, तो शुक्रवार को देर रात खूद को एक हिंदू संगठन का कार्यकर्ता बताने वाले कुछ युवाओं ने मुस्लिम समाज के सभी व्यापारियों से अपनी-अपनी दुकानें हटाने को कह दिया. इसके बाद मुस्लिम समाज के व्यापारी बालाजी मंदिर के पुजारी चंद्रकांत बालाजी वाले के पास गए, तो उन्होंने कहा कि अब वह अपने रिस्क पर दुकानें लगाएं. लिहाजा, सभी मुस्लिम समाज के व्यापारियों ने अपनी-अपनी दुकानें हटा ली हैं.
शिकायत होगी, तो करेंगे कार्रवाई
बालाजी मेला स्थल शहर के शिकारपुरा थाना क्षेत्र अंतर्गत आता है. इस पूरे मामले पर जब शिकारपुरा थाना के टीआई कमल पवार ने बताया कि कुछ युवाओं की ओर से अल्पसंख्यक वर्ग के व्यापारियों को दुकान नहीं लगाने के लिए कहा गया था. इस बारे में जब मेला समिति से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शनिवार सुबह कुछ युवा मुस्लिम व्यापारियों के पास दुकान नहीं लगाने की बात कहने आए थे. ये युवा कौन थे इसकी तस्दीक की जा रही है. व्यापारियों की तरफ से अगर कोई शिकायत मिलेगी, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
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पीढ़ियों से दुकान लगाते आ रहे हैं मुस्लिम समाज के लोग
बुरहानपुर में हर साल दशहरा पर्व के ठीक दूसरे दिन ताप्ती नदी के किनारे सतियारा घाट पर भगवान बालाजी का मेला आयोजित होने की परंपरा है, लेकिन इस साल बैतूल में ताप्ती नदी पर बने पारसडोह डैम से लगातार पानी छोड़े जाने के चलते ताप्ती नदी का जलस्तर काफी बढा हुआ है. लिहाजा, जिला प्रशासन ने इस साल ताप्ती नदी के किनारे बालाजी का मेला आयोजित करने की अनुमति नहीं दी. इस पर शुक्रवार की शाम बालाजी मंदिर प्रांगण में मेला किया गया. यहां दुकानें भी लगाई गई. लिहाजा, पीढ़ियों से इस मेले में दुकान लगा रहे मुस्लिम समाज के लोगों ने भी अपनी दुकानें लगाई थी.
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