
Muharram 2025: इंदौर शहर के कर्बला मैदान पर लगने वाले पारंपरिक मोहर्रम मेले को लेकर अब स्थिति क्लियर हो गई है. दो दिन पूर्व इंदौर नगर निगम के महापौर पुष्यमित्र भार्गव के एक बयान ने मुस्लिम समाज में हलचल मचा दी थी. महापौर से मीडिया ने सवाल किया कर्बला मैदान की जमीन पर मुहर्रम मेला लगेगा या नहीं क्योंकि ये जमीन नगर निगम द्वारा वक्फ बोर्ड ओर कर्बला कमेटी से जीत ली गई है. तभी से शहर वासियों के मन में के सवाल उठ रहा था की क्या इस बार कर्बला मोहर्रम मेला लगेगा या नहीं. क्योंकि कोर्ट ने पारंपरिक ताज़िए ठंडे करने की छूट दी थी लेकिन मेले का कोई जिक्र नहीं था.
2023 में कोर्ट ने दिया था ये फैसला
वर्ष 2023 में कोर्ट ने फैसला दिया था कि होलकर महाराज ने मुस्लिम समाज को ये जमीन ताज़िए ठंडे करने के लिए ये जमीन दी है, कर्बला कमेटी ये केस निगम से हार गई तभी से निगम ने इस जमीन को अपने कब्जे में ले लिया था.
आगे उन्होंने बोला अभी कोर्ट में हमने आगे अपील की है, जो कोर्ट में आगे फैसला होगा वो सभी को मान्य होगा. कुल मिलाकर जो शहर में कर्बला मेल को लेकर चर्चा चल रही थी उस पर अब विराम लग गया है. वही अब कर्बला मैदान में मेले की तैयारी शुरू हो गई है. करबला कमेटी के लोगों ने कर्बला मैदान पर झूले लगाने और बाकी इंतजामों का जायज लिया.
क्या है मुहर्रम का महत्व?
मुहर्रम इस्लामी नववर्ष का पहला महीना होता है. ये इस्लाम के चार सबसे पवित्र महीनों में से एक है. खासकर शिया मुस्लिम समुदाय के लिए इसका बहुत धार्मिक महत्व होता है. 10वीं तारीख यानी 'आशुरा' को कर्बला की जंग में हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद किया जाता है.
यह भी पढ़ें : PM Kisan 20th Installment: 4 महीने पूरे; पीएम किसान सम्मान निधि के ₹2000? यहां देखें 20वीं किस्त का Status
यह भी पढ़ें : Indian Railways: ट्रेन के किराए में बढ़ोत्तरी, IRCTC तत्काल टिकट बुकिंग में बदलाव; आप पर कितना पड़ेगा असर?
यह भी पढ़ें : Weird Crime: लिव-इन पार्टनर का गला घोंटा, दो दिन बॉडी के पास सोता रहा आरोपी, जानिए कैसे पकड़ाया?
यह भी पढ़ें : Ek Bagiya Maa Ke Naam: 30 लाख फलदार पौधे; MP में इस दिन से 'एक बगिया मां के नाम', इतने करोड़ होंगे खर्च