मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने शिवपुरी जिले में हाल ही माधव नेशनल पार्क (Madhav National Park) को टाइगर रिजर्व (Tiger Reserve) घोषित किया था, लेकिन अब इसे बड़ा झटका लगा है. टाइगर रिजर्व में MT1 टाइगर को छोड़ा गया था, लेकिन जंगल में मौजूद इस टाइगर का शिकार हो गया. फिलहाल इस मामले की वन प्रशासन ने पुष्टि नहीं की है.
जानकारी के अनुसार, मादा टाइगर MT1 पिछले 6 महीने से जंगल से लापता थी और वन विभाग (Forest Department) को कोई ट्रैकिंग नहीं मिल रही थी. इसकी जानकारी जब शिवपुरी के भाजपा विधायक देवेंद्र जैन को हुई तो उन्होंने विधानसभा में वन विभाग से सवाल पूछ लिए. उन्होंने पूछा कि माधव टाइगर रिजर्व में मौजूद टाइगर कहां है? उनकी लोकेशन किस-किस जगह ट्रेस हो रही है. इसकी जानकारी दी जाए, जो वन प्रशासन ने अब तक उपलब्ध नहीं करवाई है.
अब वन विभाग शिकारियों को पकड़ने की कोशिश में जुटा हुआ है. हालांकि वन विभाग लगातार होते शिकार के मामले छिपाता रहा, अब जब यह मामला उजागर हुआ है तो इसकी गूंज शिवपुरी से लेकर राजधानी भोपाल और विधानसभा तक है.
STSF ने किया एक और शिकारी गिरफ्तार
बाघ और अन्य वन्यजीवों के अवैध शिकार के गंभीर मामले में शामिल अंतर्राज्यीय गिरोह के खिलाफ कार्रवाई करते हुए स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (एसटीएसएफ, STSF) ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है. (एसटीएसएफ) भोपाल के अधिकृत अधिकारी ने बताया कि इससे पहले एसटीएसएफ की क्षेत्रीय इकाइयों—भोपाल, शिवपुरी और वनमंडल श्योपुर ने 4 जून को सवाई माधौपुर-श्योपुर-कराहल मार्ग पर संयुक्त कार्रवाई करते हुए तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था.
इनके कब्जे से लगभग 225 वन्यजीवों के अवयव (हड्डियां) जब्त हुई थीं और एफआईआर दर्ज की थी. वैज्ञानिक विधियों की सहायता से महत्वपूर्ण सबूत जमा किए गए हैं, जिनके आधार पर गिरोह के तीन और सदस्यों को शिवपुरी और श्योपुर जिले से गिरफ्तार किया है.
आरोपी की अग्रिम याचिका निरस्त
प्रकरण में फरार चल रहे आरोपी राजा भील की अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट ने 26 जुलाई को निरस्त कर दी थी. मामले में इससे पहले गिरफ्तार आरोपियों दौजी, सुनीता, बनीराम और नरेश की जमानत याचिकाएं भी कोर्ट निरस्त कर चुका है. सभी आरोपी वर्तमान में न्यायिक अभिरक्षा में शिवपुरी की केंद्रीय जेल में हैं.
इसी सिलसिले में 27 जुलाई को शिवपुरी के पटेल चौक पडोरा से नरवर के सौजीराम मोंगिया को गिरफ्तार किया था. यह इस मामले का एक प्रमुख आरोपी है. आरोपी को विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां से उसे फॉरेस्ट रिमांड पर लिया गया है.
पिछले 6 महीने से गायब मादा टाइगर
माधव नेशनल पार्क के वन विभाग कर्मचारियों को पिछले 6 महीने से मादा टाइगर MT1 का कोई सुराग नहीं मिल रहा था. यही वजह थी कि वह पिछले 6 महीने से लगातार गायब बनी हुई थी. बावजूद इसके इस मामले पर पर्दा डाला गया. अब जब मामला विधानसभा में गूंजता हुआ दिखाई दे रहा है, तब वन प्रशासन हरकत में आकर शिकारियों को पकड़ने का दावा कर रहा है.
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विधानसभा में विधायक ने उठाए सवाल
शिवपुरी के विधायक देवेंद्र जैन ने विधानसभा में वन प्रशासन से कई सवाल पूछा. माधव नेशनल पार्क टाइगर रिजर्व में छोड़े गए टाइगरों की संख्या कितनी है? उनमें से कितने लोकेट हो रहे हैं और कौन सा टाइगर किस जगह पर है? उन्हें पूरे प्रमाण के साथ यह जानकारी दी जाए, लेकिन वन प्रशासन ने अब तक इस संबंध में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई है, जिससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
विधायक ने क्या कहा
विधायक देवेंद्र जैन ने कहा कि सूत्रों से जानकारी मिली है कि एक मादा टाइगर का शिकार हुआ है. जब तक वन प्रशासन कन्फर्म नहीं कर देता, मैं यह नहीं मानूंगा. यही वजह है कि मैंने विधानसभा में सवाल किया. प्रत्येक टाइगर की लोकेशन और वर्तमान स्थिति की स्पष्ट स्थिति मांगी है, जो अभी तक वन प्रशासन से नहीं मिली है.
माधव नेशनल पार्क के डायरेक्टर उत्तम शर्मा ने कहा कि STSF स्वतंत्र रूप से कार्रवाई करती है, जो अपना काम कर रही है. इस संबंध में हमें कोई जानकारी नहीं है और जहां तक विधानसभा में टाइगरों को लेकर किसी प्रश्न की बात है, उसके संबंध में भी मैं अभी कुछ नहीं कह सकता.
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