Bone Bank in Madhya Pradesh: जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल में मध्य प्रदेश का पहला सरकारी बोन बैंक स्थापित किया जाएगा. इसकी प्रक्रिया 2 वर्ष पहले शुरू की गई थी जो अब पूरी होती दिख रही है. अब तक बोन बैंक की सुविधा केवल निजी अस्पताल में थी. इस नई सुविधा से दुर्घटना या ऑपरेशन में खोने वाली हड्डियों को बोन बैंक से पूरा किया जा सकेगा. बोन बैंक में पांच वर्षों तक हड्डियों को सुरक्षित रखा जा सकेगा और जरूरतमंद मरीजों के जीवन को नया सहारा मिलेगा.
ऐसे मिलेगा फायदा
हड्डियों को टेस्ट के लिए दिल्ली भेजा जाएगा. टेस्ट के बाद हड्डियों को माइनस 80 डिग्री पर डीप फ्रीजर में रखा जाएगा. अब तक प्रदेश में बोन बैंक नहीं होने से हड्डी प्रत्यारोपण में दिक्कत आती थी. मरीजों को बाहर से हड्डियां मंगानी पड़ती थीं, जिससे समय और खर्च बढ़ता था.
एक्सपर्ट ने क्या कहा?
यह प्रदेश का पहला सरकारी बोन बैंक होगा, जिससे गरीब और गंभीर मरीजों को नया जीवन मिल सकेगा. बोन बैंक की मदद से पहले मेडिकल अस्पताल में सर्जरी शुरू होगी और फिर आवश्यकतानुसार हड्डियां स्टोर की जाएंगी, जिन्हें भविष्य में जरूरतमंद मरीजों के लिए उपयोग किया जा सकेगा. डीन डॉ नवनीत सक्सेना ने एनडीटीवी को बताया कि मेडिकल कॉलेज में बोन बैंक स्थापित करने एक माह में आवश्यक उपकरण आ जाएंगे. डीप फ्रीजर से लेकर अन्य उपकरण लाने के बाद हड्डियों के संग्रहण और सुरक्षित रखने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इस सुविधा से आर्थोपेडिक ट्रामा, बोन लॉस केस, न्यूरो सर्जरी और प्लास्टिक सर्जरी के मरीजों को भी लाभ मिलेगा.
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