MPPSC Result 2024: दिव्यांग कोटे में जबलपुर के हिमांशु सोनी ने MPPSC में हासिल किया पहला स्थान, अब बनेंगे डिप्टी कलेक्टर

MPPSC Result 2024 Topper: हिमांशु का जीवन आसान नहीं रहा. रोजमर्रा के काम करने के लिए उन्हें हमेशा घरवालों और व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ता है. लेकिन कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने हार मानना कभी नहीं सीखा. उनकी कहानी में असली परीक्षा उस वक्त आई, जब इंटरव्यू से ठीक नौ दिन पहले, 19 अगस्त को वे बाथरूम में फिसल गए और उनका हाथ बुरी तरह फ्रैक्चर हो गया.

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MPPSC Result 2024 News: कहा जाता है, “कौन कहता है कि आसमान में छेद नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो.” इस कहावत को हकीकत में बदल कर दिखाया है जबलपुर के अधारताल निवासी हिमांशु सोनी (Himanshu Soni) ने जन्म से 100 प्रतिशत दिव्यांग होने के बावजूद हिमांशु ने अपने संघर्ष और जज्बे के दम पर मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) परीक्षा में दिव्यांग वर्ग में प्रथम स्थान और ओवरऑल 13वीं रैंक हासिल की है. उनका चयन डिप्टी कलेक्टर पद के लिए हुआ है.

हिमांशु का जीवन आसान नहीं रहा. रोजमर्रा के काम करने के लिए उन्हें हमेशा घरवालों और व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ता है. लेकिन कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने हार मानना कभी नहीं सीखा. उनकी कहानी में असली परीक्षा उस वक्त आई, जब इंटरव्यू से ठीक नौ दिन पहले, 19 अगस्त को वे बाथरूम में फिसल गए और उनका हाथ बुरी तरह फ्रैक्चर हो गया. डॉक्टरों ने तुरंत ऑपरेशन की सलाह दी और 23 अगस्त को उनका ऑपरेशन हुआ.

इस हालत में इंटरव्यू के लिए पहुंचे

इसी बीच 28 अगस्त को इंटरव्यू की तारीख नजदीक आ गई. इस दौरान, हालत इतनी खराब थी कि चलना-फिरना तक मुश्किल था. एक पल को हिमांशु ने इंटरव्यू छोड़ने का मन भी बना लिया, लेकिन उनके पिता ने हौसला बढ़ाया और कहा, “मौका हाथ से मत जाने देना, दर्द से बड़ी मंज़िल होती है.” यही प्रेरणा हिमांशु को आगे बढ़ने की ताकत बनी. हिमांशु ट्रेन से इंदौर पहुंचे और वहां से एम्बुलेंस में इंटरव्यू स्थल तक गए. हालत देखकर उन्होंने आयोग के अधिकारियों से निवेदन किया, जिसके बाद अभूतपूर्व कदम उठाते हुए अधिकारियों ने एम्बुलेंस में ही उनका इंटरव्यू लिया. हिमांशु ने हिम्मत नहीं हारी और अपने आत्मविश्वास से हर सवाल का जवाब दिया. नतीजा आया तो वे न केवल सफल ही नहीं हुए, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए मिसाल बन गए.

फिलहाल, शिक्षा विभाग में सहायक संचालक हैं

यह पहली बार नहीं है, जब हिमांशु ने PSC की परीक्षा पास की है. इससे पहले भी वे शिक्षा विभाग में सहायक संचालक पद पर चयनित हो चुके हैं और वर्तमान में जबलपुर लोक शिक्षण संचालनालय में सेवाएं दे रहे हैं. लेकिन इस बार उनकी सफलता केवल एक परीक्षा की नहीं, बल्कि कठिनाइयों पर जीत, हौसले की जीत है. इसके अलावा, उनकी सफलता सभी दिव्यांगजनों के लिए प्रेरणा है, जो जीवन से जूझते हुए भी सपनों को पूरा करना चाहते हैं.

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आज हिमांशु सोनी का नाम जबलपुर ही नहीं, पूरे प्रदेश के लिए गौरव का विषय है. उनकी सफलता संदेश देती है, “अगर जज्बा सच्चा हो, तो कठिनाइयां कितनी भी हों, मंज़िल जरूर मिलती है.”

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