MPPSC Topper: वन सेवा परीक्षा में टॉप कर रीवा के शुभम शर्मा रेंजर के बाद एसीएफ के पद पर चयनित

MPPSC Forest Service topper:शुभम के पिता सीआईएसएफ (CISF) में एएसआई (ASI) के पद पर कार्यरत है. शुभम अपने पिता के विभाग में ही उच्च अधिकारी बनना चाहते थे, उन्होंने परीक्षा दी, लेकिन दो-तीन अंकों से चूक गए. मामा फॉरेस्ट विभाग (Forest Department) में थे, पेड़ पौधों से लगाव था. जिसके चलते उन्होंने वन विभाग की परीक्षा देने का निर्णय लिया.

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MPPSC Forest Service Topper: मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग (Madhya Pradesh Public Service Commission) यानी MPPSC द्वारा आयोजित वन सेवा परीक्षा (Forest Service Exam) में लगातार 2 सालों से रीवा (Rewa) के शुभम शर्मा उत्तीर्ण हो रहे हैं. पहले रेंजर (Ranger) अब एसीएफ (ACF) के पद पर चयनित हुए हैं. वह भी प्रदेश में टॉप करके. इसीलिए कहते हैं, प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती. रीवा के शुभम शर्मा ने 2022 की एमपीपीएससी की परीक्षा (MPPSC Exam) दी थी. ओवरऑल थर्ड पोजिशन उनकी रही. 2021 में भी उन्होंने परीक्षा दी थी, उसमें उनका चयन रेंजर पद पर हुआ था. फिलहाल शुभम महाराष्ट्र के कुंडल में रेंजर की ट्रेनिंग ले रहे हैं. अब एसीएफ की ट्रेनिंग के लिए देहरादून जाएंगे.

ऐसी है कहानी

शुभम कि इस उपलब्धि पर माता-पिता सहित बड़े भाई बेहद खुश हैं. शुभम ने परीक्षा की तैयारी के समय स्टूडोटेस्ट (studotest) नाम का एक ऐप भी बनाया था. टेलीग्राम में कई लोगों के साथ काम भी किया. 2020 और 2021 की परीक्षा में 50 से 60 रेंजर 8 एसीएफ उनके ग्रुप से जुड़ गए थे. 

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रीवा के कैलाशपुरी में रहने वाले सुरेश प्रसाद शर्मा और सत्यवती शर्मा के छोटे बेटे, शुभम शर्मा की बचपन की पूरी पढ़ाई रीवा के केंद्रीय विद्यालय एक में हुई. 12वीं की परीक्षा देने के बाद शुभम ने एनआईटी का एग्जाम दिया और  श्रीनगर में मैकेनिकल इंजीनियर की डिग्री लेने चले गए.

शुभम के पिता सीआईएसएफ (CISF) में एएसआई (ASI) के पद पर कार्यरत है. शुभम अपने पिता के विभाग में ही उच्च अधिकारी बनना चाहते थे, उन्होंने परीक्षा दी, लेकिन दो-तीन अंकों से चूक गए. मामा फॉरेस्ट विभाग (Forest Department) में थे, पेड़ पौधों से लगाव था. जिसके चलते उन्होंने वन विभाग की परीक्षा देने का निर्णय लिया, 2020 की परीक्षा दी और रेंजर के पद पर चयनित कर लिए गए. लेकिन शुभम रेंजर से ऊपर के पद पर जाना चाहते थे. बड़े अधिकारी बनना चाहते थे जिसके चलते उन्होंने एक बार फिर से परीक्षा दी.

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2021 की परीक्षा से एसीएफ बने

2021 की परीक्षा में उनका चयन एसीएफ के पद पर हो गया. फिलहाल शुभम कुंडल महाराष्ट्र में रेंजर के लिए ट्रेनिंग कर रहे हैं. उनके बड़े भाई सुधांशु शर्मा फोटोग्राफी के शौकीन हैं, उनका कहना है कि भाई शुभम बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के थे. पढ़ने में काफी तेज हैं, घर में पढ़ाई कम ही किया करते थे. आज हम लोग बेहद खुश हैं. छोटा भाई हमारा वन विभाग के उच्च पद पर पहुंच गया है. यह हमारे परिवार के लिए ही, नहीं पूरे रीवा शहर के लिए खुशी का पल है. पिता के मुंह से तो खुशी के मारे आवाज ही नहीं निकल रही. केवल आंखों से आंसू यह बताने के लिए पर्याप्त है. अपने बेटे की सफलता पर वह कितने खुश हैं.

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हर साल परीक्षा में पास होने का ये है राज?

लोग एक बार भी परीक्षा में पास नहीं हो पाए पाते. मैंने जब भी परीक्षा दी सफलता मिली. शुभम का कहना है कि सोच समझकर निर्णय करिए उसके बाद कंसंट्रेट हो जाइए. दिमाग में एक ही बात चलेगी, किस तरीके से इस परीक्षा को निकालना है. दिमाग सब कुछ निश्चित कर देगा. कैसे पढ़ना है, किस तरीके से तैयारी करनी है, बस फोकस होना चाहिये. मैंने इसी के चलते जब भी परीक्षा दी सफलता मिली. साथ ही में तैयारी के साथ मैंने स्टूडोटेस्ट (Studotest) नाम के ऐप एवं टेलीग्राम में ग्रुप्स के माध्यम से कई साथी परीक्षार्थियों का सहयोग किया.  2020 एवं 2021 परीक्षा में कुल 50-60 रेंजर और 8 ACF ऐसे हैं जो मेरे ग्रुप व ऐप से जुड़े हुए हैं.

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