नाबालिगों से रेप के 50% आरोपी बाहर 'घूम' रहे हैं! खुद CM मोहन यादव ने बताया- 4928 केस सिर्फ HC में ही है पेंडिंग

MP Vidhan Sabha Winter Session News: नाबालिगों से रेप के लगभग 5 हजार मामले हाईकोर्ट में लंबित हैं, वहीं आधे आरोपी जमानत पर बाहर है. विधानसभा में प्रस्तुत जवाब से स्पष्ट है कि मध्य प्रदेश में दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग लड़कियों को न्याय दिलाने में काफी लंबा समय लग रहा है.

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MP Vidhan Sabha Winter Session: मध्यप्रदेश की हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) में नाबालिग से दुष्कर्म (Minor Rape Cases in MP) के 4928 केस पेंडिंग, इसमें रेप के बाद हत्या के 64 मामले शामिल है. वहीं 50 फीसदी आरोपी जमानत पर बाहर हैं. ये आंकड़ें सिर्फ जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) ग्वालियर और इंदौर बेंच के हैं. दुष्कर्म (Rape Case) के मामलों में ट्रायल कोर्ट द्वारा अब तक 11 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है, लेकिन अभी तक किसी को फांसी हुई नहीं है. नाबालिक से रेप के मामलों में कुल 5243 आरोपियों में करीब 50 फीसदी आरोपी जमानत पर बाहर हैं. 2650 आरोपी जेल में हैं, जबकि 2593 आरोपी जमानत पर बाहर हैं. ये जानकारी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने विधानसभा (MP Vidhan Sabha) के शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक (Congress MLA) बाला बच्चन के सवाल का जवाब देते हुए सदन में दी. यह आंकड़े 22 नवंबर 2024 तक के हैं.

अब जानिए कहा पेंडिंग है मामले?

हाईकोर्ट की प्रिंसिपल सीट जबलपुर में कुल 3013 मामले लंबित हैं, इनमें 64 मामले ऐसे हैं जिनमे रेप के बाद हत्या की गई है, जबकि 6 मामलों में सम्बंधित ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है. इसी तरह इंदौर बेंच में 1284 मामले लंबित हैं, इसमें 14 मामलों में रेप के बाद हत्या की गई है, 2 में ट्रायल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. ग्वालियर बेंच में कुल 631 मामले लंबित हैं, रेप के बाद हत्या है इसमे 14 मामले हैं, यहां ट्रायल कोर्ट ने 3 मामलों में फांसी की सजा सुनाई है.

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कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने सदन में पूछा था कि जबलपुर उच्च न्यायालय, खण्डपीठ इंदौर उच्च न्यायालय एवं खण्डपीठ ग्वालियर उच्च न्यायालय में नाबालिग दुष्कर्म के कितने प्रकरण विचाराधीन है? इनमें वे प्रकरण अलग से बताया जाए, जिनमें नाबालिग दुष्कर्म के बाद हत्या के प्रकरण भी शामिल हैं? दोनी जानकारी पृथक-पृथक दें. प्रकरण के शीघ्र निराकरण के लिए विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? प्रकरण अनुसार जानकारी दें? क्या इस संबंध में मुख्यमंत्री ने बीते 1 साल में कोई निर्देश, आदेश जारी किए है? यदि हाँ, तो उसकी प्रमाणित प्रति दें.

इस सवाल के जवाब में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बाकायदा अलग अलग मामलों की 132 पेजों में जानकारी दी है. जवाब में यह भी कहा गया है कि विभाग द्वारा कार्यवाही नहीं की गई और मुख्यमंत्री द्वारा कोई निर्देश आदेश जारी नहीं किए है.

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