![ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सेमीकंडक्टर-मैन्युफैक्चरिंग पर रहेगा फोकस, CM ने कहा- युवाओं को मिलेगा रोजगार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सेमीकंडक्टर-मैन्युफैक्चरिंग पर रहेगा फोकस, CM ने कहा- युवाओं को मिलेगा रोजगार](https://c.ndtvimg.com/2025-02/o37v0njo_mp-news-_625x300_08_February_25.jpeg?im=FeatureCrop,algorithm=dnn,width=773,height=435)
MP News In Hindi : मध्य प्रदेश के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट एक मेगा इवेंट साबित हो सकता है. निवेश और विकास की अमीस संभावनाएं इस समिट में छिपी हुई हैं. वहीं, प्रदेश की सरकार इन दिनों इस मेगा इवेंट की तैयारियों पर जोरों से जुटी हुई है. भोपाल के मानव संग्राहलय में आयोजित होने वाले GIS समिट को लेकर खास इंतजाम किए गए हैं. सुरक्षा से लेकर सुविधाओं का विशेष ध्यान दिया गया. इस बीच सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 में सेमीकंडक्टर एक महत्वपूर्ण सेक्टर रहेगा. इसकी महत्वता को देखते हुए राज्य मंत्रि-परिषद ने "मध्यप्रदेश सेमीकंडक्टर पॉलिसी-2025" को मंजूरी दी है. इस नीति के लागू होने से सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के क्षेत्र में प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश की संभावनाएं बढ़ गई हैं.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस पॉलिसी से राज्य में इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित एक स्थायी ईको-सिस्टम स्थापित किया जा सकेगा.पीएम नरेंद्र मोदी का विजन भारत को सेमीकंडक्टर डिजाइन निर्माण और तकनीकी विकास के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है. प्रधानमंत्री का मानना है कि भारत का सेमीकंडक्टर क्षेत्र एक क्रांति की कगार पर है. उनका लक्ष्य है कि इलेक्ट्रॉनिक और सेमीकंडक्टर का शत-प्रतिशत निर्माण भारत में ही किया जाए.
निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष प्रावधान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि सेमीकंडक्टर पॉलिसी के अंतर्गत निवेशकों के लिए पूंजी निवेश अनुदान (कुल निवेश का 25% अथवा भारत सरकार द्वारा प्रदान की गई सब्सिडी का 50 प्रतिशत, जो भी कम हो) दिया जाएगा. राज्य सरकार गैर-सरकारी अनुमोदित परियोजनाओं के लिए कंपनियों को 40 प्रतिशत (अधिकतम 150 करोड़ रुपये) तक पूंजी निवेश अनुदान देगी। यह अनुदान ब्याज 6 प्रतिशत अथवा लागू ब्याज दर (जो भी कम हो) इकाई स्थापना के बाद 5 वर्षों तक (अधिकतम 10 करोड़ रुपये) दिया जाएगा.
'कर में छूट और कुछ अतिरिक्त वित्तीय सहायताएं भी'
सेमीकंडक्टर पॉलिसी के अंतर्गत कंपनियों को रियायती दरों पर भूमि उपलब्ध कराई जाएगी. साथ ही, पहले 10 वर्षों के लिए 2 रुपये प्रति यूनिट बिजली टैरिफ सब्सिडी भी दी जाएगी. इससे संचालन लागत कम होगी और निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा. पॉलिसी में 400 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं के लिए इंफ्रास्ट्रक्टर के लिए सहयोग, कर में छूट और कुछ अतिरिक्त वित्तीय सहायताएं भी दी जाएंगीं.
'पांच वर्षों में 2700 करोड़ रुपये का निवेश और 14,400 रोजगार'
सीएम ने कहा- सेमीकंडक्टर पॉलिसी से प्रदेश में अगले पांच वर्षों में 2700 करोड़ रुपए का निवेश आने की आशा है. इससे 3,782 करोड़ रुपये निर्यात और 1,702 करोड़ रुपये स्टेट जीएसटी राजस्व से प्राप्त होंगे. साथ ही बड़ी संख्या में रोजगार सृजन होगा.
पॉलिसी में पीपीपी मोड को बढ़ावा
मध्यप्रदेश सेमीकंडक्टर पॉलिसी-2025 में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) को बढ़ावा दिया जाएगा. इससे सरकारी निकायों, शैक्षणिक संस्थानों और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग बढ़ेगा, साथ ही प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को भी प्रोत्साहन मिलेगा. इसके फलस्वरूप वैश्विक विशेषज्ञता और तकनीक को मध्यप्रदेश में लाया जा सकेगा.
'निवेशकों को अनुसंधान और विकास के लिए प्रोत्साहन फंड'
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि सेमी कंडक्टर पॉलिसी में सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में निवेश करने वाली कंपनियों को अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) और तकनीकी नवाचार में निवेश के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा. सेमीकंडक्टर तकनीक में अनुसंधान के लिए विशेष फंड के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. राज्य सरकार पॉलिसी में नई परियोजनाओं के लिए अनुमोदन प्रक्रिया को सरल और तेज बनाने के लिए सरलीकृत नियामक तंत्र का प्रावधान किया गया.
ये भी पढ़ें- Delhi Election Result: MP के CM मोहन यादव का बयान आया सामने, बोले- हरियाणा, महाराष्ट्र के बाद अब दिल्ली की बारी