MP Nursing Scam: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में नर्सिंग के छात्रों (Nursing Students) की समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. अभी पुराना विवाद निपटा भी नहीं है कि एक और नई समस्या आन पड़ी है. दरअसल, नर्सिंग मान्यता फर्जीवाड़े मामले में बुधवार को लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता विशाल बघेल की जनहित याचिका के साथ सभी नर्सिंग मामलों की सुनवाई मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (MP High Court) की प्रिंसिपल बेंच में जस्टिस संजय द्विवेदी (Justice Sanjay Dwivedi) और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल (Justuce Achal Kumar Paliwal) की विशेष पीठ में हुई. इस दौरान पीपुल्स यूनिवर्सिटी (Peopple University) भोपाल (Bhopal) और अरविन्दो मेडिकल यूनिवर्सिटी (Arvindo Medical University) की ओर से सत्र 2023-24 की मान्यता के लिए लगाई गई याचिका पर भी सुनवाई हुई.
बिना मान्यता के ही 2023-24 सत्र के लिए ले लिया दिखला
इन निजी विश्वविद्यालयों ने याचिका में दलील दी थी कि इस पूरे मामले में चल रहे कोर्ट केस और सीबीआई जांच की वजह से सरकार की ओर से 2023-24 की मान्यता प्रदान नहीं की गई है. पूरे मामले में निजी विश्वविद्यालय को बेवजह परेशानियों का सामना के साथ ही नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. इसलिए उन्हें सत्र 2023-24 की मान्यता दिलाई जाए. मामले के याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया था कि सत्र 2023-24 की मान्यता और प्रवेश के लिए आईएनसी की ओर से घोषित की गई कट-ऑफ डेट अब निकल चुकी है.
सरकार ने दाखिले को बताया अवैध
वहीं, दूसरी और शासन की ओर से सत्र 2024-25 की मान्यता प्रक्रिया सितंबर माह में संपन्न की जानी है. इन निजी विश्वविद्यालयों की ओर से बगैर मान्यता प्राप्त किए सत्र 2023-24 में अवैध रूप से छात्रों को प्रवेश दिया गया है. इन परिस्थितियों में इन्हें 2023-24 में प्रवेश की अनुमति दिया जाना नियम विरूद्ध होगा.
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पूरे विवाद को सुलझाने के लिए हाई कोर्ट ने पिछली सुनवाई में इंडियन नर्सिंग काउंसिल को सभी मामलों में पक्षकार बनाए जाने का निर्देश देकर काउंसिल को यह भी बताने के लिए कहा है कि क्या सत्र 2023-24 की ऐडमिशन की कट-ऑफ़ डेट को बढ़ाया जा सकता है? इस पर बुधवार की सुनवाई में इंडियन नर्सिंग काउंसिल की ओर से मौखिक रूप से कोर्ट को अवगत कराया गया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के न्याय दृष्टांतों के अनुक्रम में और सत्र 2024-25 की मान्यता प्रक्रिया शुरू होने के कारण अब सत्र 2023-24 की मान्यता और प्रवेश हेतु घोषित की गई कट-ऑफ डेट नहीं बढ़ाई जा सकती है. इस पर हाई कोर्ट ने काउंसिल को इस पर जवाब को लिखित में पेश करने के निर्देश दिए हैं. अब इस मामले की अंतिम सुनवाई पांच सितंबर को होगी.
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