किसानों ने तालाब में अर्धनग्न होकर क्यों किया प्रदर्शन? प्रशासन को लेकर कही ये बात

किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही खाली तालाब में जलभराव की समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो किसान जल समाधि लेने के लिए मजबूर हो जाएंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी.

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Tikamgarh News : टीकमगढ़ (Tikamgarh) जिले के जतारा नगर में बना ऐतिहासिक मदन सागर तालाब का अस्तित्व खतरे में है. तालाब में पिछले कई सालों से जलभराव न होने और कचरे के ढेर जमा होने के चलते ये चंदेलकालीन तालाब धीरे-धीरे बर्बाद हो रहा है. इस स्थिति को सुधारने के लिए राम रतन दीक्षित ने किसानों के साथ मिलकर अर्धनग्न सत्याग्रह आंदोलन किया. राम रतन दीक्षित ने बताया कि तालाब के संरक्षण और जलभराव की मांग को लेकर किसानों और संगठन ने अब तक 11 बार जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपे हैं, लेकिन प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की. तालाब में पानी की कमी और सफाई न होने से किसानों की खेती प्रभावित हो रही है.

तालाब की समस्या से किसान परेशान

बता दें कि राम रतन दीक्षित अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार सुरक्षा संगठन के प्रांतीय प्रमुख सचिव हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही खाली तालाब में जलभराव की समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो किसान जल समाधि लेने के लिए मजबूर हो जाएंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी.

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प्रशासन ने नहीं उठाए कोई कदम

किसानों का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकारें खुद को किसान हितैषी बताती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है. यदि तालाब में पानी नहीं होगा तो इलाके के किसानों के लिए खेती करना असंभव हो जाएगा. किसानों ने कई महीनों से ज्ञापन और शिकायतें दी हैं, लेकिन प्रशासन उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है.

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