प्यास बुझाने के लिए बनी 7 करोड़ की टंकी, अब जान के लिए बनी आफत... जानें मामला

मध्य प्रदेश के मंदसौर में करोड़ों की लागत से बनी टंकी पहली बार का पानी भी नहीं झेल पाई. इसके निर्माण के बाद जब पहले बार पानी भरा गया तो टंकी झुकने लगी और आस-पास की बिल्डिंगों मे दरार आ गई जिसके बाद से ये खतरे की घंटी बनी हुई है. 

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प्यास बुझाने के लिए बनी 7 करोड़ की टंकी, अब जान के लिए बनी आफत... जानें मामला

MP News in Hindi : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मंदसौर (Mandsaur) में बरसों पहले बनी एक विशालकाय पानी की टंकी आज भी शो पीस बनकर खड़ी है, जिसका इस्तेमाल अब तक नहीं हो सका है. आरोप है कि इस टंकी को बनाते समय मिट्टी का परीक्षण नहीं किया गया था जिसके चलते पहली बार टंकी में पानी भरा गया तो यह झुकने लगी और आसपास बने कोर्ट परिसर की बिल्डिंगों में दरारें पड़ गईं. तब से इस टंकी को कभी भी इस्तेमाल में नहीं लिया गया है. ये टंकी 26 लाख गैलन पानी की क्षमता वाली है और इसे संभाग की सबसे बड़ी टंकी के रूप में देखा जाता है. मौजूदा समय में टंकी के निर्माण की लागत लगभग सात करोड़ रुपये आंकी गई है, जबकि इसे बनाने के लिए नगर पालिका ने तत्कालीन ठेकेदार को तीन करोड़ पचयासी लाख रुपये का भुगतान किया था. इतनी महंगी और बड़ी टंकी बनाने के बावजूद, इसके इस्तेमाल न होने से नगर पालिका पर लापरवाही जैसे भी सवाल उठ रहे हैं.

हादसे के डर से खाली पड़ी टंकी

टंकी के पास ही स्थानीय कोर्ट परिसर है जहां दिनभर हजारों लोगों का आना-जाना लगा रहता है. ऐसे में अगर किसी दिन इस टंकी में पानी भरा जाता है और टंकी के झुकने या दरारों के कारण कोई हादसा होता है, तो बड़ी जनहानि की आशंका है. लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अब तक टंकी में पानी नहीं भरा गया है.

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जांच के बाद ही होगा फैसला

नगर पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि टंकी के आसपास की बिल्डिंगों में दरार आने और टंकी के झुकने की शिकायत के बाद इसे इस्तेमाल में नहीं लिया गया. उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले की जांच एक और दल करेगा और उसकी फाइनल रिपोर्ट आने के बाद ही टंकी के इस्तेमाल को लेकर फैसला लिया जाएगा.

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उम्मीदों की टंकी बनी शोपीस

ये टंकी जो कभी मंदसौर शहर के लिए पानी की बड़ी जरूरत को पूरा करने के मकसद से बनाई गई थी. आज स्थानीय जनता के लिए चिंता का विषय बन गई है. अब सभी की निगाहें उस जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिसके बाद यह तय होगा कि इस विशालकाय टंकी का इस्तेमाल कभी हो पाएगा या नहीं.

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