मेरा क्या कसूर था... हीट वेव-कड़ी धूप में 10 वर्षीय बेटी ने भेड़ाघाट जाने की जिद, मना करने पर लगा ली फांसी

Student Suicide: फूल सी प्यारी-दुलारी बिटियां के गम में अब मां का रो-रो कर बुरा हाल है. उसे समझ नहीं आ रहा कि उसने क्या गलत किया था? बेटी की चिंता थी तभी तो उसे धूप में निकलने से रोका था.

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Student Suicide Case: मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर (Jabalpur) शहर में इन दिनों 42 डिग्री से ज्यादा तापमान चल रहा है, शहर लू (Heat Wave) की चपेट में है, इस दौरान यदि कोई 10 वर्षीय लड़की अपनी मां से भेड़ाघाट जाने की जिद करने लगे, तो मां को क्या करना चाहिए? जाहिर है कि मां को समझाना चाहिए कि अभी धूप में नहीं जाना चाहिए, कुछ ऐसा ही 10 वर्षीय तेजस्वनी जो लिटिल वर्ल्ड की पांचवी कक्षा में पढ़ने हैं उसकी मां ने किया. बेटी को समझाया कि अभी होमवर्क (Home Work) कर लेते हैं फिर धूप कम होने पर भेड़ाघाट चलेंगे, लेकिन जिद पर अड़ी 10 साल की मासूम ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या (Suicide) कर ली.

मां का रो-रो कर बुरा हाल

फूल सी प्यारी-दुलारी बिटियां के गम में अब मां का रो-रो कर बुरा हाल है. उसे समझ नहीं आ रहा कि उसने क्या गलत किया था? बेटी की चिंता थी तभी तो उसे धूप में निकलने से रोका था.

यह मामला जबलपुर के जसूजा सिटी में रहने वाले अशोक कुमार भलावी की पुत्री तेजस्विनी की आत्महत्या का है. उसने अपनी मां से भेड़ाघाट घूमने की जिद की थी, लेकिन भीषण गर्मी के चलते मां ने उसे समझाया कि अभी स्कूल के प्रोजेक्ट कर लेते हैं. फिर भेड़ाघाट चलेंगे ताकि गर्मी कम हो जाए. थोड़ी देर में अनमनी तेजस्विनी बाथरूम जाने के लिए अपने कमरे में गई और पर्दे से लटक कर आत्महत्या कर ली. कुछ देर मां ने इंतजार किया लेकिन जब तेजस्विनी नहीं लौटी तब उन्होंने जाकर देखा तो तब तक बेटी की मौत हो चुकी थी.

अब मां को यह समझ में नहीं आ रहा है कि उसने क्या गलत कर दिया. उसकी बेटी इतनी नाराज क्यों हो गई कि उसने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया. एक मां ने तो अपनी बेटी के स्वास्थ्य की ही चिंता की थी.

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NDTV की बच्चों से गुजारिश, गलत कदम कभी भी न उठाएं

छोटी-छोटी बातों पर बच्चे अपने माता-पिता से नाराज हो रहे हैं और कई बार आत्महत्या जैसे कदम उठाने के साथ घर छोड़कर भी भाग जाते हैं. देखने में आया है कि कई बच्चों ने अपने अपहरण की झूठी कहानी भी दर्ज कराई है. ऐसा बताया जाता है कि टीवी और सोशल मीडिया पर दिखाए जाने वाले कार्यक्रम बच्चे बहुत ध्यान से देखते हैं और यह नहीं समझते कि इसके परिणाम क्या होंगे? इन्हीं के परिणाम के चलते कई बार बच्चे गलत कदम उठा लेते हैं. ऐसे में जन सरोकार की पत्रकारिता करने वाला आपका अपना NDTV चैनल बच्चों से खास गुजारिश करता है कि कृपया ऐसे गलत कदम न उठाएं.

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