Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का इंदौर (Indore) स्वच्छता के मामने में कई बार देश में नंबर वन रह चुका है. पिछले साल भी इंदौर स्वच्छता के मामले में देश में अव्वल रहा था. प्रदेश और देश को हमेशा इस मामले में गौरवान्वित करता रहा है. लेकिन इस वो बार गलत वजह से चर्चा में बना हुआ है. दरअसल इंदौर (Inodre) में हुए ड्रेनेज घोटाले (Drainage Scam) में बड़ा खुलासा हुआ है. जांच में 48 करोड़ के घोटाले में 24 करोड़ का फर्जी भुगतान सामने आया है. हैरानी की बात ये है कि ड्रेनेज लाइन डाली नहीं गई है और 24 करोड़ का ठेकेदारों के खातों में भुगतान कर दिया गया है. इसे काफी बड़ा घोटाला माना जा रहा है.
36 फाइलों की जांच में आई है बात सामने
इस घोटाले से जुड़ी 36 फाइलों की जांच पुलिस अब तक कर चुकी है. जांच में 48 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया है. जिसमें से आरोपियों द्वारा 24 करोड़ रुपए का भुगतान अपनी फर्म के खातों में करवाने की बात सामने आई है. पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है साथ ही एक अन्य आरोपी की तलाश की जा रही है. जिसमें तीन निगम के कर्मचारी भी शामिल हैं.
स्विच किए गए खातों में मिले 70 लाख रुपए
इंदौर नगर निगम ड्रेनेज विभाग से शुरू हुए 28 करोड़ रुपए के फर्जी बिल मामले में रोजाना नए नए खुलासे हो रहे हैं. पुलिस की जांच में अब 36 फाइलों की जांच की जा चुकी है है. जिसमें 48 करोड़ रुपए के फर्जी बिलों का मामला सामने आ चुका है. तो वही पांच फर्मों को खातों में 24 करोड़ रुपए का भुगतान भी हुआ है. पुलिस ने इन खातों को स्विच कर लिया है जिसमें 70 लाख रुपए मिले हैं.
आरोपियों का 4 तारीख तक है रिमांड
डीसीपी पंकज पांडे ने पूरे मामले में बताया की इंदौर नगर निगम में फर्जी फाइलों के माध्यम से पैसा निकालने के मामले में जांच चल रही है. पुलिस ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है और जो दस्तावेज मिले हैं उसके आधार पर आरोपियों से पूछताछ हो रही है. कूट रचित कर फर्जी बिल कैसे बनाए गए रिमांड में लेकर पूछताछ की जा रही है और जो भी सबूत सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी. सभी आरोपियों का 4 तारीख तक रिमांड चल रहा है. जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. उन सबके अलग-अलग तरह के रोल हैं, जो जिस विभाग में पदस्थ है उसी के आधार पर उनका इस मामले में रोल पाया गया है.
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