MP News : आज होने थे जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव जबलपुर हाई कोर्ट ने किया स्थगित

MP Latest News : जबलपुर,अशोकनगर, खंडवा और सीहोर के जिला पंचायत अध्यक्ष के अध्यक्ष अब विधायक बन चुके हैं. उनको दोनों में से एक ही पद पर रहने का प्रावधान है, इसलिए इन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.

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Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Election 2023) के चलते प्रदेश के 4 जिला पंचायत अध्यक्ष विधायक बन चुके हैं. इस वजह से उन्होंने लाभ के एक पद के नियम के तहत जिला अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग (Madhya Pradesh Election Commission) ने खाली हुए जिला पंचायत (Jila Panchayat) अध्यक्ष के पदों पर चुनाव कराने के लिए 22 दिसंबर को अधिसूचना जारी की और 30 दिसंबर को चुनाव कराने की तारीख भी तय कर दी थी. लेकिन मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) में राज्य निर्वाचन आयोग के इस फैसले को चुनौती दी गई. याचिकाकर्ता गोपाल सिंह इंजीनियर ने आयोग के नोटिफिकेशन को यह कहते हुए चुनौती दी थी कि आयोग पहले जिला पंचायत सदस्य का चुनाव न कराते हुए सीधे अध्यक्ष पद का चुनाव कैसे करा सकता है. इस याचिका की सुनवाई अवकाशकालीन पीठ के समक्ष नियत की गई थी. जिसमें राज्य निर्वाचन आयोग ने अंडरटेकिंग देते हुए अदालत को बताया कि जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव रीशेड्यूल किए जा रहे हैं. अब जिला पंचायत अध्यक्ष से पहले खाली हुए जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव कराए जाएंगे.

कौन से चार जिला पंचायत अध्यक्ष बने हैं विधायक?

हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में जबलपुर (Jabalpur) के सिहोरा से संतोष बरकड़े, खंडवा (Khandwa) से कंचन तनवे, अशोकनगर (Ashoknagar) के चंदेरी से जगन्नाथ रघुवंशी और सीहोर (Sehore) के आष्टा से गोपाल इंजीनियर जिला पंचायत अध्यक्ष रहते हुए विधायक निर्वाचित हुए हैं. जिनके इस्तीफों के बाद अध्यक्ष का पद रिक्त हो गया था. राज्य निर्वाचन आयोग ने उक्त जिला पंचायतों में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी थी. जिसे गोपाल इंजीनियर ने हाई कोर्ट में चुनौती दे दी थी.

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जबलपुर में कांग्रेस के सदस्यों में सेंधमारी

30 दिसंबर यानी आज ही के दिन जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव होने थे, जिसे देखते हुए बीजेपी ने जबलपुर में जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट पर कब्जा करने तोड़फोड़ शुरु कर दी थी. जबलपुर में 16 जिला पंचायत सदस्यों में 8 सदस्य बीजेपी और 8 ही सदस्य कांग्रेस के जीते थे. जिला पंचायत अध्यक्ष संतोष बरकड़े के इस्तीफा देने के बाद बीजेपी के पास 7 सदस्य ही बचे थे. इस स्थिति के चलते बीजेपी का संगठन सक्रिय हुआ और कांग्रेस के खेमे से आशा गोंटिया और अंजली पांडे को बीजेपी ने अपने पाले में ले लिया है. कैबिनेट मंत्री राकेश सिंह ने दोनों को बीजेपी की सदस्यता भी दिला दी है.

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