Ayodhya Ram Temple: 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर अयोध्या (Shri Ram Janmbhoomi Mandir Ayodhya) में होने जा रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह (Pran Pratishtha program) के कार्यक्रम की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. इस समारोह में कांग्रेस पार्टी (Congress Party) प्रत्यक्ष रूप से तो हिस्सा नहीं ले रही है, लेकिन जबलपुर का नजारा कुछ अलग ही है, यहां कांग्रेस नेताओं ने शहर में होर्डिंग और पोस्टर लगाकर के राम मंदिर उत्सव (Ram Mandir Ayodhya Festival) में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं.
ऐसा है माहौल
कांग्रेस के नगर अध्यक्ष और महापौर जगत बहादुर सिंह 'अन्नू' के फोटो वाले पोस्टर और होर्डिंग (Posters and Hoardings) पूरे शहर में लगाए गए हैं. कांग्रेस पार्टी का नाम सीधे तौर पर न आए इसलिए पोस्टरों में मां वैष्णो देवी यात्रा समिति लिखा गया है. हालांकि जबलपुर में सभी यह जानते हैं कि इस समिति के कर्ता-धर्ता जगत बहादुर सिंह अन्नु ही हैं.
मध्य प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट (Ex Minister Tarun Bhanot) व उनके छोटे भाई और पूर्व पार्षद गौरव भनोट की फोटो के साथ राम मंदिर के होर्डिंग लगाए गए हैं. वहीं इस विषय पर तरुण भानोट कुछ भी कहने से बचते नजर आए.
पूर्व विधायक के पोस्टर भी हैं
पूर्व विधायक संजय यादव (Former MLA Sanjay Yadav) भी पीछे नहीं हैं. शहर के प्रमुख चौराहों पर संजय यादव के भी होर्डिंग और पोस्टर दिखाई दे रहे हैं. संजय यादव का कहना है कि हम पार्टी लाइन से हटकर काम नहीं कर रहे हैं, पार्टी ने स्थानीय स्तर पर कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किए हैं.
राजनीतिक फायदे के लिए हो रहे हैं प्रयास
जल्द ही लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) होने हैं. दोनों ही पार्टी की तरफ से अभी यहां पर कोई घोषित लोकसभा प्रत्याशी नहीं है. तीनों ही होर्डिंग लगाने वाले जगत बहादुर सिंह 'अन्नू' महापौर, पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट और पूर्व विधायक संजय यादव लोकसभा के दावेदार माने जा रहे हैं. संजय यादव और तरुण भनोट पिछला विधानसभा 2023 चुनाव हार गए औरजगत बहादुर सिंह 'अन्नू' महापौर हैं, लेकिन विवेक तन्खा की पसंद होने के कारण ऐसी चर्चाएं आम हैं कि जगत बहादुर सिंह 'अन्नू' को लोकसभा का चुनाव लड़वाया जा सकता है.
पूर्व विधायकों की भी है चर्चा
तरुण भानोट और संजय यादव अभी विधानसभा चुनाव हारे हैं, लेकिन वह लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं. तरुण भनोट यह भी चाहते हैं कि यदि उन्हें टिकट नहीं मिली तो कम से कम उनके छोटे भाई गौरव भनोट को ही लोकसभा का चुनाव लड़ाया जाए.
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