MP News: ग्वालियर में ब्लड की कमी से जूझ रहा है ब्लड बैंक, स्वास्थ्य विभाग की टेंशन बढ़ी, देखिए NDTV पड़ताल

Blood Donation: ब्लड बैंक के अधिकारी बताते हैं कि जेएएच (Jaya Arogya Hospital Group) के ब्लड बैंक में हरदिन लगभग 80 से 100 लोग ब्लड की डिमांड लेकर पहुंच रहे हैं जबकि बैंक में 25 से 30 यूनिट खून ही आ पा रहा है नतीजतन जो स्टॉक था वह भी खत्म हो गया, जिसके चलते मरीजो को काफी दिक्कत हो रही है.

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Blood Bank in Gwalior: ग्वालियर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज (Gajra Raja Medical College Gwalior) द्वारा संचालित जेएएच परिसर में स्थित ब्लड बैंक (Blood Bank) खुद ही ब्लड (Blood) की कमी से जूझ रहा है. ये हम नहीं कह रहे बल्कि इस ब्लड बैंक की व्यवस्था संभालने वाले जिम्मेदार लोग ही बता रहे हैं. उनकी समस्या ये है कि उनके पास बड़ी संख्या में लोग ब्लड की डिमांड (Blood Required) लेकर पहुंचते हैं, लेकिन उनके पास ब्लड का उतना स्टॉक हो ही नहीं पा रहा कि वे हर जरूरतमंद को ब्लड उपलब्ध करा सकें. रिजर्व स्टॉक की स्थिति भी इतनी चिंताजनक है कि ब्लड बैंक में अब महज 13 यूनिट ब्लड बचा है जबकि खपत लगभग सौ यूनिट की है. इसमें भी ए पॉजिटिव ग्रुप (A Positive Blood) का तो एक बूंद भी स्टॉक नहीं है. सबसे बड़ी बात ये है कि ब्लड बैंक में रक्त की कमी का संकट एक साल में ही चौथी बार आया है.

MP News: ग्वालियर ब्लड बैंक के हाल बेहाल

हर दिन कितने लोग ब्लड के लिए पहुंच रहे हैं?

ब्लड बैंक के अधिकारी बताते हैं कि जेएएच (Jaya Arogya Hospital Group) के ब्लड बैंक में हरदिन लगभग 80 से 100 लोग ब्लड की डिमांड लेकर पहुंच रहे हैं जबकि बैंक में 25 से 30 यूनिट खून ही आ पा रहा है नतीजतन जो स्टॉक था वह भी खत्म हो गया, जिसके चलते मरीजो को काफी दिक्कत हो रही है. मरीजों के अटेंडर जगह जगह परेशान घूम रहे हैं. सबसे बड़ी दिक्कत ये आ रही है कि चुनाव और परीक्षाओं के चलते स्कूल कॉलेज बन्द हैं, जिसके कारण रक्तदान शिविरों का आयोजन भी नहीं हो पा रहा है साथ ही त्योहार का सीजन होने से ब्लड डोनेट (Blood Donate) करने वाले लोग भी नहीं आ रहे हैं. 

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हजार बिस्तर का अस्पताल खुलने से बढ़ गई डिमांड

ब्लड बैंक से जुड़ी डॉ पूजा परमार ब्लड की कमी को लेकर कहती हैं कि जब से यहां हजार बिस्तर का हॉस्पिटल (Hospital) खुला है, तब से मरीजों की संख्या में कई गुना इजाफा हो गया है. इससे ब्लड की डिमांड भी पहले से काफी कम हो गई है और वालेंटरी डोनेशन जो होता था, वह अभी नहीं आ रहा है. पहले ब्लड कैम्प (Blood Donation Camp) जो होते थे वे भी नहीं हो रहे हैं. अभी सौ यूनिट की डिमांड है जबकि डोनेशन दस-बीस से ज्यादा नहीं हो पा रहा है.

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काउंसलर ने रक्तदान की अपील

ब्लड बैंक के काउंसलर अजय तिवारी ने स्वीकार किया कि स्थिति काफी चिंताजनक है, क्योंकि लोगों को रक्त न मिल पाने से सिर्फ परेशानी ही नहीं हो रही है बल्कि कई लोगों की ज़िंदगी भी खतरे में पड़ जाती है. तिवारी ने कहा कि वे NDTV के माध्यम से सभी रक्तदान करने वाले लोगों, स्वैछिक संस्थाओं और अन्य समाजसेवी लोगो और युवाओं से अपील करना चाहते हैं कि वे लोग रक्तदान कर लोगों की जान बचाने में मदद करें क्योंकि थैलेसेमिया (Thalassemia) के पेशेंट को नियमित रक्त की जरूरत रहती है, साथ ही अन्य गंभीर मरीजों को भी इसकी दरकार रहती है.

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