महिला की हाईकोर्ट से गुहार- मां बनना चाहती हूं, जेल में कैद पति के साथ 15 दिन गुजारने की दें अनुमति

MP News: इस मामले में राज्य सरकार के वकीलों ने आपत्ति जाहिर करते हुए बताया कि हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने महिला के पति की अस्थाई जमानत याचिका खारिज कर दी थी. याचिकाकर्ता रजोनिवृत्ति की आयु पार कर चुकी है, इसलिए उसके गर्भधारण की कोई संभावना नहीं

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मध्य प्रदेश से अनोखा मामला सामने आया है

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) से एक अलग मामला सामने आया है. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) में एक महिला ने जेल में बंद अपने पति के साथ 15 दिन का वक्त गुजारने की अनुमति मांगने की याचिका दायर की है. इस याचिका में हवाला दिया गया है कि महिला की मां बनने की इच्छा है, जिसके लिए महिला के वैवाहिक अधिकारों का हवाला दिया गया है. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने महिला का मेडिकल परीक्षण कराने के निर्देश दिए हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि महिला गर्भधारण करने में सक्षम है या नहीं.

सरकारी वकीलों ने जताई आपत्ति

इस मामले में राज्य सरकार के वकीलों ने आपत्ति जाहिर करते हुए बताया कि हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने महिला के पति की अस्थाई जमानत याचिका खारिज कर दी थी. याचिकाकर्ता रजोनिवृत्ति की आयु पार कर चुकी है, इसलिए उसके गर्भधारण की कोई संभावना नहीं है. महिला ने याचिका में नंदलाल वर्सेस स्टेट ऑफ राजस्थान के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया है, जिसमें खंडपीठ ने संतान प्राप्ति के लिए उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी को 15 दिन की पैरोल दी थी. 

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15-20 साथ रहने की मांगी है अनुमति

महिला द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि उसका पति इंदौर जेल में बंद है और वह मां बनने के लिए 15-20 दिन उसके साथ रहना चाहती है. शासन के अधिवक्ता ने याचिका का यह कहकर विरोध किया है कि महिला रजोनिवृत्ति की उम्र पार कर चुकी है और प्राकृतिक तरीके से मां नहीं बन सकती.

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