Madhya Pradesh Mining Conclave: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित इंटरनेशनल कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में 17 और 18 अक्टूबर को माइनिंग कॉन्क्लेव (MP Mining Conclave) होने जा रही है. यह कॉन्क्लेव इंडस्ट्रियलिस्ट और शिक्षाविदों के दृष्टिकोण पर केन्द्रित होगी. इसमें तकनीकी सत्र भी होंगे, जिसमें डिजिटलाइजेशन और खनन प्रौद्योगिकी में प्रगति, विशेष रूप से ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) पर चर्चा होगी. प्रतिभागियों को खनन स्टार्ट-अप्स द्वारा तकनीकों की जानकारी प्राप्त करने का मौका भी मिलेगा. कॉन्क्लेव के विभिन्न सत्रों में कोयला और ऊर्जा, चूना पत्थर और सीमेंट, महत्वपूर्ण खनिजों के अवसर और ऊर्जा तथा हाइड्रो-कार्बन शामिल हैं. कॉन्क्लेव के दूसरे दिन 18 अक्टूबर को खनिज आधारित उद्योगों कोयला, ऊर्जा और हाइड्रो-कॉर्बन पर केन्द्रित राउण्ड टेबल बैठक होगी.
खनिज संपदा से समृद्ध है MP
मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में देश का एकमात्र हीरे का भंडार है. हीरा खदान से प्रतिवर्ष एक लाख कैरेट हीरे का उत्पादन होता है. मलाज़खंड कॉपर खदान भारत की सबसे बड़ी तांबा खदान है. यहां से प्रतिदिन 5 से 10 हजार टन तांबा निकाला जाता है. भारत के कुल तांबा भंडार का 70 प्रतिशत तांबा मध्यप्रदेश में है. इसी प्रकार राज्य में स्थित सासन कोयला खदान भी अपने विशाल खनन उपकरणों के लिये प्रसिद्ध है. मध्यप्रदेश में चूना पत्थर का 9 प्रतिशत भंडार होने के बावजूद चूना पत्थर उत्पादन में देश में 15 प्रतिशत का योगदान देता है.
मध्यप्रदेश का खनिज संसाधन विभाग (एमआरडी) खनिज ब्लॉक नीलामी में देश में अग्रणी रहा है. मध्यप्रदेश द्वारा 78 खनिज ब्लॉक सफलतापूर्वक नीलाम किये गये. प्रदेश को फरवरी 2022-23 में खनिज ब्लॉक नीलामी में देश में पहला स्थान प्राप्त हुआ है.
विकास की रीढ़ हैं खनिज : CM
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) के महत्वाकांक्षी विकसित भारत-2047 के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति करते हुए राज्य सरकार द्वारा 17-18 अक्टूबर 2024 को भोपाल में खनन कॉन्क्लेव आयोजित की जा रही है. यह महत्वपूर्ण आयोजन राज्य में खनन, तेल, गैस और खनिज आधारित उद्योगों की व्यापक संभावनाओं को प्रदर्शित करेगा, जो विकास की रीढ़ के रूप में कार्य करते हैं.
सीएम मोहन ने कहा कि मध्यप्रदेश, खनिज संसाधनों से समृद्ध राज्य है और देश के खनन क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह देश का एकमात्र राज्य है जो हीरे का उत्पादन करता है साथ ही मैंगनीज और तांबा अयस्क के उत्पादन में भी अग्रणी है, जो विभिन्न औद्योगिक उपयोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा राज्य रॉक-फॉस्फेट उत्पादन में दूसरे, सीमेंट उद्योग के लिए आवश्यक चूना पत्थर उत्पादन में तीसरे और कोयला उत्पादन में चौथे स्थान पर है. कोल-गैस के उत्पादन में भी राज्य दूसरे स्थान पर है, जो वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों और स्थिरता की दिशा में उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
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