Madhaya Pradesh Corruption News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर जिले (Chhattarpur District) से आंगनवाड़ी केंद्र (Aaganvadi kendra) में अनियमितता की खबरें (News) सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि बड़ामलहरा जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत बरेठी के टौरो में महिला बाल विकास विभाग (Mahila Bal Vikas Vibhag) के अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केंद्र का अनियमित रूप से संचालन होता है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार आंगनवाड़ी केंद्र में पदस्थ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता रानी विश्वकर्मा, आंगनवाड़ी सहायिका कुसुम सेन की मनमानी और लापरवाही के चलते बरेठी ग्राम पंचायत के टौरो क्रमांक-2 ग्राम के आंगनवाड़ी केंद्र पर ताला लटका रहता है.
केवल एक ही दिन खुलता है आंगनवाड़ी केंद्र
ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र एक सप्ताह में केवल एक दिन ही खुलता है. जिससे छोटे-छोटे बच्चों को मायूस होकर घर लौटना पड़ता है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रानी विश्वकर्मा व सहायिका की मनमानी के चलते बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं नन्हे मुन्ने बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र खुलने का इंतजार करते रहते हैं. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका की मनमानी के चलते उन्हें आंगनबाड़ी केंद्र में ताला लटका देख उदास होकर वापस घर जाना पड़ता है.
जानकारी के मुताबिक आंगनबाड़ी केंद्र में कुल दर्ज संख्या 57 है. जब मौके पर पहुंचकर देखा गया तो आंगनवाड़ी केंद्र के बाहर छोटे - छोटे बच्चे खड़े हुए थे. आंगनवाड़ी केंद्र के खुलने के इंतजार में खड़े ओमशी लोधी ने बताया की आंगनवाड़ी ना तो नियमित रूप से खुलती और ना ही आगनवाड़ी में नियमित रूप से खाना ही वितरण होता है. ग्राम के राजकिशोर कुशवाह ने जानकारी देते हुए बताया की आंगनवाड़ी में पदस्थ कार्यकर्ता आर सहायिका की लापरवाही की कई बार अधिकारियों से शिकायत दर्ज की हैं लेकिन अधिकारियो के संरक्षण में आंगनवाणी में पदस्थ कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
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शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई
ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया की महिला बाल विकास विभाग के द्वारा भी आंगनवाड़ी केंद्र का कभी निरीक्षण नहीं किया जाता है. जिसके चलते आंगनवाड़ी में पदस्थ कर्मचारी लापरवाह हो गए हैं. ग्रामीणों ने कई बार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका सहित समूह संचालक की लापरवाही की शिकायत मुख्यमंत्री हेल्प लाइन पर की. निराशाजनक बात ये है कि इन शिकायतों के बाद भी लापरवाह कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं होती है.