MP News: घंसौर के अतरिया छात्रावास में गंदगी और नशे का बोलबाला, अधीक्षक पर उठे सवाल

घंसौर के अतरिया सीनियर बालक छात्रावास में गंदगी और नशे की स्थिति गंभीर है. छात्रावास में तंबाकू और गुटखे के निशान आसानी से देखे जा सकते हैं. अधीक्षक के छात्रावास में न रहने से व्यवस्थाएं बिगड़ चुकी हैं. स्वच्छता और नशा मुक्ति अभियान के बावजूद हालात जस के तस हैं. अधिकारी जांच और कार्रवाई की बात कर रहे हैं, लेकिन छात्रों के भविष्य पर खतरा बना हुआ है.

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MP News: मध्य प्रदेश में आदिवासी छात्रों के लिए संचालित सरकारी छात्रावासों की स्थिति पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. सरकार द्वारा स्वच्छता और नशा मुक्ति अभियान चलाए जाने के बावजूद कई छात्रावासों में हालात बेहद खराब हैं. ताज़ा मामला घंसौर विकासखंड के अतरिया सीनियर बालक छात्रावास से सामने आया है, जहां गंदगी और नशे का बोलबाला खुलेआम दिखाई देता है.

छात्रावास परिसर में जगह-जगह तंबाकू, गुटखा और पान मसाले के निशान देखे जा सकते हैं. बिस्तर, कक्ष और शौचालयों में साफ-सफाई का अभाव साफ दिखता है. छात्रों ने भी माना कि छात्रावास की व्यवस्था बेहद लापरवाह तरीके से संचालित हो रही है. बदबूदार कमरों और टूटी हुई सुविधाओं के बीच बच्चे रहने को मजबूर हैं.

सबसे गंभीर बात यह है कि अधीक्षक छात्रावास में रहते ही नहीं हैं, जिसके कारण व्यवस्था पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुकी है. उनकी उपस्थिति न होने से छात्रों पर नियंत्रण और अनुशासन का अभाव है, जिसका असर उनके स्वास्थ्य और भविष्य पर पड़ रहा है.

बीते दो माह पूर्व जनजाति कार्य विभाग द्वारा जिले के सभी छात्रावासों का निरीक्षण कराया गया था, जिसमें स्वच्छता और नशा मुक्ति अभियान के निर्देश दिए गए थे. लेकिन अतरिया छात्रावास की स्थिति देखकर साफ जाहिर होता है कि अभियान सिर्फ कागजों पर ही चल रहा है.

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जब मामले पर विकासखंड अधिकारी प्रेसेन दीक्षित से बात की गई तो उन्होंने अधीक्षक का बचाव करते हुए जांच का आश्वासन दिया. वहीं जनजाति कार्य विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर लालजीराम मीणा ने कड़ी कार्रवाई की बात कही है. अब देखना यह होगा कि जांच के बाद वास्तविक कार्रवाई होती है या फिर मामला पूर्व की तरह दबा दिया जाएगा. 

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