MP High Court: नर्सिंग कॉलेज के चेयरमैन और रजिस्ट्रार को 24 घंटे के अंदर न हटाने पर हाई कोर्ट ने लगाई फटकार, जानें-क्या है पूरा मामला

Jabalpur High Court: अवमानना याचिका से जुड़े मामले पर सुनवाई पूरी कर जबलपुर हाईकोर्ट ने आदेश सुरक्षित कर लिया है. सरकार ने आदेश पर पुनर्विचार का आवेदन वापस लिया है. कोर्ट ने नर्सिंग कॉलेज के चेयरमैन और रजिस्ट्रार को 24 घंटे के अंदर न हटाने पर नाराजगी भी जताई है.

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Madhya Pradesh High Court: नर्सिंग घोटाला मामले में कोर्ट ने सरकारी अधिकारियों को लगाई फटकार

MP High Court News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर (Jabalpur) बेंच ने बहुचर्चित नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े (Nursing College Scam) से जुड़े मामले में पूर्व आदेश का पालन नहीं होने पर कड़ी नाराजगी जताई है. इस पर सरकार की ओर से वचन दिया गया कि 24 घंटे के भीतर आदेश का पालन कर दिया जाएगा. इसके साथ ही, सरकार ने पूर्व आदेश पर पुनर्विचार करने के लिए प्रस्तुत आवेदन भी वापस ले लिया. मामला नर्सिंग काउंसिल के चेयरमैन डॉ. जितेंद्र शुक्ला और रजिस्ट्रार अनीता चांद को पद से हटाने से जुड़ा है. न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी और न्यायमूर्ति अचल कुमार पालीवाल की युगलपीठ ने याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत अवमानना आवेदन पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है.

कोर्ट ने पहले दिया था ये आदेश

नर्सिंग फर्जीवाड़े मामले में ला स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की जनहित याचिका के साथ सभी मामलों पर सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट में आवेदन पेश कर बताया गया कि हाईकोर्ट ने 12 दिसंबर को नर्सिंग काउंसिल के चेयरमैन और रजिस्ट्रार को तत्काल हटाने के निर्देश दिए थे. उस आदेश का पालन नहीं करते हुए मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव ने दोषी अधिकारियों को संरक्षण दिया है. 

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सरकार के महाधिवक्ता ने मांगी मोहलत

वहीं, सरकार और नर्सिंग काउंसिल की ओर से महाधिवक्ता ने आवेदन पेश कर हाई कोर्ट से उस आदेश में संशोधन करने की मांग की, जिसमें चेयरमैन और रजिस्ट्रार को हटाने के निर्देश दिए थे. उन्होंने कोर्ट से अनुमति मांगी कि सत्र 2024-25 की प्रक्रिया पूरे होने तक अधिकारियों को यथावत पदस्थ रखने दिया जाए. 

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हाईकोर्ट ने लगाई फटकार

एमपी हाईकोर्ट ने इस मामले में भारी नाराजगी जताते हुए सरकार और नर्सिंग काउंसिल को कड़ी फटकार लगाई और मौखिक रूप से कहा कि पूर्व की गड़बड़ियों में लिप्त अधिकारियों को काउंसिल में पदस्थ नहीं रखा जा सकता. इस पर सरकार ने आवेदन वापस ले लिया और आदेश का पालन करने एक दिन की मोहलत मांगी. हाईकोर्ट का विस्तृत आदेश फिलहाल प्रतीक्षारत है.

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