MP High Court: वेटरनरी डॉक्टर पद पर किया डेपुटेशन और बना दिया स्वास्थ्य अधिकारी... नाराज हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

Gwalior High Court: ग्वालियर जिले में पशुओं के डॉक्टर को डेपुटेशन पर लेकर शहर का स्वास्थ्य अधिकारी बना दिया गया. मामले में हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा, 'आए दिन मासूम बच्चों को कुत्ते नोच खा रहे, आप सिर्फ कागजों पर काम कर मजे ले रहे.' आइए आपको पूरे मामले की विस्तार से जानकारी देते हैं.

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ग्वालियर हाईकोर्ट ने नगर निगम को लगाई फटकार

Gwalior Crime News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर जिले में एक वेटरनरी डॉक्टर (Veterinary Doctor) को प्रतिनियुक्ति पर लेकर नगर निगम (Gwalior Nagar Nigam) ने शहर का स्वास्थ्य अधिकारी (Health Officer) बना दिया है. मामले में एमपी हाईकोर्ट (MP High Court) की ग्वालियर खंडपीठ ने एक बार फिर प्रदेश शासन, पशुपालन विभाग के साथ ग्वालियर नगर निगम की जमकर खिंचाई की है. डॉ. अनुज शर्मा (Dr. Anuj Sharma) (मूल रूप से पशु चिकित्सक) को ग्वालियर नगर निगम में प्रतिनियुक्ति पर स्वास्थ्य अधिकारी बनाने के मामले में जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने कहा- शहर में डॉग बाइट के केस बढ़ रहे हैं. हम देख रहे हैं कि छोटे-छोटे बच्चों को कुत्ते नोचकर खा रहे हैं और आप लोग (नगर निगम) कागजों पर काम कर मजे ले रहे हो.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, डॉ. अनुराधा गुप्ता ने डॉ. अनुज शर्मा की नियुक्ति को ये कहते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी है कि स्वास्थ्य अधिकारी केवल वही बन सकता है, जिसके पास एमबीबीएस की डिग्री हो. पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने अनुज शर्मा को हटाने का आदेश दिया था. पालन करते उन्हें रिलीव भी कर दिया गया है. कोर्ट में ये भी बताया गया कि 2015 से पूर्व स्वास्थ्य अधिकारी का पद था. वर्तमान में मुख्य स्वच्छता अधिकारी, स्वच्छता अधिकारी और सहायक स्वच्छता अधिकारी का पद है. मुख्य स्वच्छता अधिकारी का पद 100 प्रतिशत प्रमोशन से भरा जाने वाला पद है.

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इन मुद्दों पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

अब हाईकोर्ट ने पूरे मामले में मुख्य रूप से नगर निगम से पूछा है कि निगम में कितने अधिकारी, कब से प्रतिनियुक्ति पर काम कर रहे हैं? वर्तमान में कार्यरत कितने कर्मचारी-अधिकारी निगम के वास्तविक कर्मचारी और कितने प्रतिनियुक्ति पर हैं? निगम नियमित नियुक्तियों के संबंध में कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा हैं? एमपी शासन (नगरीय प्रशासन, पशुपालन विभाग) बताए कि डॉ. शर्मा को नियुक्ति के संबंध में किसने पत्र लिखा? किन कारणों के चलते उन्हें प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया? सभी पक्षकार (डॉ. शर्मा को छोड़कर) स्पष्ट करें कि जिस पद के लिए न्यूनतम योग्यता एमबीबीएस है, उस पर पशु चिकित्सक को क्यों नियुक्त कर दिया गया?

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निगम ने पेश की अपनी दलील

इस मामले में नगर निगम की तरफ से दलील दी गई कि प्रशासनिक आवश्यकता के चलते पशु चिकित्सक को प्रतिनियुक्ति पर नगर निगम में स्वास्थ्य अधिकारी बनाया गया. कोर्ट ने पुछा कि पशु चिकित्सक होकर भी डॉग बाइट के केस कम नहीं कर पाए. शहरवाले जानवर हैं क्या? जो किसी को भी रखेंगे... इस पर दलील दी गई कि शासन से प्रतिनियुक्ति पर भेजने की अनुमति मिली थी. कोर्ट ने पूछा कि निगम ने आपत्ति क्यों नहीं ली? पशु चिकित्सक को स्वास्थ्य अधिकारी बना दिया. प्रतिनियुक्ति का पहला ही मामला गड़बड़ निकला. अब प्रतिनियुक्ति पर काम कर रहे सभी अधिकारियों की जानकारी दीजिए.

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