अप्राकृतिक यौन शोषण मामले में MP हाईकोर्ट ने पति को किया बरी, पत्नी के आरोपों पर की यह बड़ी टिप्पणी

MP High Court: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अप्राकृतिक यौन कृत्य मामले में बड़ा फैसला देते हुए पति को बरी कर दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने पत्नी के आरोपों पर अहम टिप्पणी की है.

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फाइल फोटो

MP High Court Verdict: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) की इंदौर बेंच ने अप्राकृतिक यौन कृत्य मामले (Unnatural Eexual Act Case) में बड़ा फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने पत्नी द्वारा पति पर लगाए गए आरोपों से बरी कर दिया है. हाईकोर्ट ने मौजूदा कानूनी प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि वैवाहिक संबंध बरकरार रहने के दौरान पति द्वारा अपनी पत्नी पर किसी भी कृत्य को बलात्कार नहीं माना जा सकता है. हाईकोर्ट (MP High Court Indore Bench) ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में सहमति का कोई महत्व नहीं रह जाता है, बशर्ते पत्नी की उम्र 15 साल से कम की ना हो.

बता दें कि हाईकोर्ट का यह फैसला 31 वर्षीय पत्नी द्वारा 40 साल के पति पर लगाए गए आरोपों पर आया है. वर्ष 2023 में महिला ने अपने पति के खिलाफ मंदसौर जिले (Mandsaur) में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें पति और ससुराल पक्ष पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. जिसके बाद पति ने एफआईआर रद्द करने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

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हाईकोर्ट ने इन धाराओं को हटाया

इंदौर हाईकोर्ट (Indore High Court) के जस्टिस प्रेमनारायण सिंह ने 40 वर्षीय व्यक्ति की याचिका 28 मई को आंशिक तौर पर मंजूर की थी, जिसमें उसने अपनी पत्नी की पिछले साल दर्ज कराई गई एफआईआर को रद्द करने की गुहार की थी. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों पर गौर करने के बाद एफआईआर से आईपीसी की धारा 377 (अप्राकृतिक कृत्य) के साथ ही धारा 294 (गाली-गलौज) और धारा 506 (धमकी देना) के आरोपों को भी रद्द कर दिया. हालांकि, हाईकोर्ट ने धारा 498-ए (किसी स्त्री के पति या पति के नातेदार द्वारा उसके प्रति क्रूरता) के इल्जाम को बरकरार रखा है.

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फैसला सुनाते हुए एकल पीठ ने स्पष्ट किया कि उसके इस आदेश में उसका कोई भी नजरिया या टिप्पणी गुण-दोष के आधार पर कानूनी प्रावधानों के मुताबिक फैसला करने में उस निचली अदालत के लिए किसी भी रूप में बंधनकारी नहीं होगी जो इस मामले की सुनवाई कर रही है.

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महिला ने लगाए थे ये आरोप

महिला ने पति के खिलाफ मंदसौर जिले में 2023 के दौरान एफआईआर दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि उसके पति और ससुराल पक्ष के लोगों ने 20 लाख रुपये के दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया. महिला ने यह आरोप भी लगाया था कि उसके पति ने उसके साथ वर्ष 2022 में अप्राकृतिक यौन कृत्य किया जिस कारण उसे संक्रमण हो गया और उसे अपना इलाज कराना पड़ा.

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