Former MP Home Minister Bhupendra Singh: मध्यप्रदेश के पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह की मुश्किलें बढ़ गईं, सागर के नीलेश आत्महत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए विशेष जांच दल से जांच कराने के आदेश दिए हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य के डीजीपी को निर्देश दिया है कि वे दो दिनों के भीतर तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन करें और एक महीने के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करें.
यह आदेश मृतक नीलेश की पत्नी रेवा की याचिका पर दिया गया है. रेवा ने आरोप लगाया है कि उनके पति को पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह और उनके सहयोगियों द्वारा लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था. इसी मानसिक दबाव के चलते नीलेश ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया. पीड़िता का कहना है कि उन्होंने 27 जुलाई को पूर्व मंत्री समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ शिकायत दी थी, लेकिन प्रभावशाली लोगों के दबाव के चलते पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.
सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान पीड़िता की ओर से पुलिस जांच पर गंभीर सवाल उठाए गए. कोर्ट ने माना कि आरोप गंभीर हैं और निष्पक्ष जांच जरूरी है. सीबीआई को सक्षम एजेंसी बताते हुए कोर्ट ने कहा कि उसकी व्यस्तता के कारण जांच में देरी हो सकती है. इसी वजह से मामले की जांच एसआईटी को सौंपी जा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि एसआईटी में प्रदेश के बाहर के एसएसपी रैंक के अधिकारी को शामिल किया जाए, साथ ही एक महिला एएसपी रैंक की अधिकारी को भी टीम में रखा जाए, ताकि जांच पूरी तरह निष्पक्ष हो.
क्या है मामला?
दरअसल, यह मामला सागर जिले के मालथौन कस्बे से जुड़ा है, जहां 25 जुलाई को 42 वर्षीय नीलेश ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. परिजनों का आरोप है कि क्षेत्र के दबंगों की प्रताड़ना के चलते नीलेश लंबे समय से मानसिक तनाव में थे. पुलिस कार्रवाई से असंतुष्ट होकर पत्नी रेवा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद अब यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आ गया है.