Rabi Track Portal launched in Gwalior: जेएएच ने डॉग बाइट्स मरीजों के लिए अनूठी पहल की है. दरअसल, जेएएच ने रैबी ट्रैक पोर्टल तैयार किया है, ताकि मरीजों के मोबाइल पर समय-समय पर वैक्सीन की डोज की तिथि का संदेश पहुंच सके. इससे वो समय पर उपचार ले सकेंगे. वहीं प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ला इस पोर्टल का वर्चुअल उदघाटन किया.
MP का पहला रैबी ट्रैक पोर्टल
यह अनोठी पहल गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय से जुड़े अस्पताल में डॉग बाइट्स का शिकार होकर पहुंचने वाले मरीजों के लिए की गई है. इस रैबी ट्रैक पोर्टल की मदद से मरीजों को रेबीज इंजेक्शन समय पर लग सकें, ताकि उनकी जान बचाई जा सके.
इस दौरान राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि यह संस्थान न्यूरोसर्जरी जैसे क्षेत्रों में वह कार्य 65 वर्ष पहले कर चुका है, जो कई स्थानों में अब शुरू हो रहे हैं. इसी उत्कृष्ट परंपरा के कारण सरकार ने निर्णय लिया है.
उन्होंने कहा कि गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय और इससे जुड़े अस्पतालों को सेंटर ऑफ आर्ट की तरह विकसित किया जाएगा, जिससे मरीजों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधा यहीं उपलब्ध हो सके और रेफर करने की आवश्यकता न पड़े. डिप्टी सीएम शुक्ला ने इस नवाचार को 'भारत सरकार के संकल्प- रेबीज मुक्त भारत' की दिशा में अत्यंत आवश्यक कदम बताया.
अपने संबोधन में डिप्टी सीएम शुक्ला ने बताया कि ग्वालियर में प्रतिवर्ष 7 से 8 हजार रेबीज मरीज अस्पताल पहुंचते हैं. कई मरीज जागरूकता के अभाव में समय पर वैक्सीनेशन नहीं लेते, जिससे उनकी जान तक जोखिम में पड़ जाती है. उन्होंने कहा कि रैबी ट्रैक पोर्टल मरीजों के मोबाइल पर समय-समय पर वैक्सीन की डोज की तिथि का संदेश भेजेगा, जिससे वे समय पर उपचार ले सकेंगे.
जीआरएमसी प्रबंधन और कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग को दीं शुभकामनाएं
उन्होंने आगे कहा कि मेडिकल कॉलेजों का दायित्व है कि वो नवाचार करते रहें, क्योंकि भारत सरकार टीबी मुक्त भारत अभियान और रेबीज मुक्त भारत जैसे कई महत्वपूर्ण मिशन चला रही है. मुझे यह कहते हुए हर्ष हो रहा है कि गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय इसी दिशा में लगातार काम कर रहा है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आयुष्मान योजना में 60 करोड़ से अधिक नागरिक कवर हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार हुआ है. उन्होंने जीआरएमसी प्रबंधन और कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग को इस नवाचारी प्रयास के लिए शुभकामनाएं दीं.
संदिग्ध रेबीज मरीजों का रिकॉर्ड सुरक्षित करेगा
महाविद्यालय अधिष्ठाता प्रो. डॉ.आर.के.एस. धाकड़ ने बताया कि यह ऑनलाइन पोर्टल कम्युनिटी मेडिसिन विभाग द्वारा विकसित किया गया है और यह मध्य प्रदेश का पहला सॉफ्टवेयर है. यह न केवल जयारोग्य चिकित्सालय समूह में आने वाले संदिग्ध रेबीज मरीजों का रिकॉर्ड डिजिटल रूप से सुरक्षित करेगा, बल्कि वैक्सीन डोज की तारीखें भी मरीज को एसएमएस द्वारा भेजेगा.
मरीजों की जान बचाने में उपयोगी साबित होगा
कम्युनिटी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज बंसल ने बताया कि रेबीज मुक्त भारत मिशन के लिए आवश्यक है कि हर संदिग्ध मरीज को पूरा और समय से एंटी-रैबीज टीकाकरण मिले. मरीज अक्सर निर्धारित तारीख भूल जाते हैं, लेकिन अब रैबी ट्रैक उन्हें समय पर याद दिलाएगा और यह कई जानें बचाने में उपयोगी साबित होगा.
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