MP Farmer Protest MSP Demand: मध्य प्रदेश में किसानों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है. कभी प्याज के भाव गिरने से तो कभी मक्का और केले की फसल का उचित दाम न मिलने से अन्नदाता परेशान हैं. इसी नाराजगी का एक दर्दनाक रूप बड़वानी जिले में देखने को मिला, जब एक किसान ने प्रशासनिक अधिकारियों के सामने कहा कि वह अपने बेटे को किसान नहीं, बल्कि आतंकवादी बनाएगा.
दरअसल, मध्य प्रदेश के निमाड़ क्षेत्र में किसानों में जबरदस्त आक्रोश है. खंडवा में जहां किसानों ने एक रुपये किलो प्याज मिलने के विरोध में फसल पर ट्रैक्टर चला दिया, वहीं बड़वानी जिले के खेतिया मंडी में गुरुवार सुबह से किसान सड़क पर उतर आए. किसानों ने मंडी गेट के सामने मक्का का ढेर लगाकर जोरदार प्रदर्शन किया.
ठंड में भी जारी किसानों का आंदोलन
कड़ाके की ठंड के बावजूद किसानों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. किसानों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी फसल एमएसपी (MSP) यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदेगी, वे पीछे नहीं हटेंगे. प्रशासन ने हाईवे पर ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया है, लेकिन गांव की ओर जाने वाली गाड़ियां अभी भी जाम में फंसी हैं.
अपर कलेक्टर के सामने भड़का किसान
प्रदर्शन स्थल पर जब अपर कलेक्टर केके मालवीय अपनी टीम के साथ किसानों को समझाने पहुंचे, तो पानसेमल तहसील के भडगोन गांव के किसान गोविंद राठौड़ ने अपना दर्द सामने रखा. गुस्से में उन्होंने कहा कि मैंने सात एकड़ में केले की खेती की, लेकिन तीन रुपये किलो के भाव से बेचना पड़ा. सात-आठ लाख का कर्ज चढ़ गया है. खेती करके मैंने क्या गुनाह किया? अब मैं अपने बेटे को किसान नहीं, आतंकवादी बनाऊंगा. यह बयान सुनकर प्रशासनिक अधिकारी भी चुप रह गए.
एमपी का किसान अपने बेटे को क्यों बनाना चाहता है आतंकवादी? ऑन कैमरा अपर कलेक्टर के सामने बताई वजह#MadhyaPradesh pic.twitter.com/xQMzvg9tWm
— NDTV MP Chhattisgarh (@NDTVMPCG) November 13, 2025
किसानों की मुख्य मांग
किसानों का कहना है कि उनकी फसलों की खरीदी सरकार द्वारा तय समर्थन मूल्य (MSP) पर की जाए. इस बार बारिश ने पहले ही फसलें बर्बाद कर दीं, अब जो कुछ बचा है, उसे व्यापारी औने-पौने दामों पर खरीद रहे हैं. किसान संगठन मांग कर रहे हैं कि प्रशासन इस अन्याय के खिलाफ ठोस कदम उठाए.
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व्यापारियों पर किसानों का आरोप
जय युवा आदिवासी संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष विजय सोलंकी ने बताया कि सुबह जब किसान मंडी पहुंचे, तो व्यापारियों ने मक्का का भाव मात्र ₹6 से ₹7 प्रति किलो बताया. किसानों ने कहा कि इस दाम पर तो खेती की लागत भी नहीं निकलती. उन्होंने मांग की कि सरकार अपने तय एसपी के अनुसार ही खरीदी करे.
प्रशासन की समझाइश, किसानों की जिद
फिलहाल मौके पर अपर कलेक्टर, एसडीओपी, मंडी सचिव और पुलिस अधिकारी मौजूद हैं. प्रशासन किसानों को समझाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन किसानों का कहना है कि उन्हें मनाने से नहीं, न्याय मिलने से आंदोलन खत्म होगा.
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सरकार के लिए बड़ा संकेत
यह घटना सरकार के लिए एक चेतावनी है कि अगर किसानों की समस्याएं जल्द नहीं सुलझाई गईं, तो आक्रोश और बढ़ सकता है. अन्नदाता की यह पीड़ा बताती है कि खेतों में फसलें उगाना अब सम्मान नहीं, बल्कि संघर्ष बन गया है.