MP Controversy Minister Inder Singh Parmar: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के एक बयान ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है. MP BJP Government के मंत्री परमार के मुताबिक राजा राम मोहन राय अंग्रेजों के दलाल के रूप में काम कर रहे थे और देश को जातियों में बांटने का कार्य कर रहे थे.
एमपी के मंत्री इंदर सिंह परमार आगर मालवा में 15 नवंबर 2025 को हुए Birsa Munda Jayanti कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में अंग्रेजी शिक्षा के माध्यम से लोगों की आस्था बदलने का औपनिवेशिक अभियान चल रहा था.
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परमार ने कहा, "अंग्रेजों ने देश के कई लोगों को समाज सुधारक बनाकर पेश किया, जिनमें राजा राम मोहन राय भी शामिल थे. वह अंग्रेजों के दलाल के रूप में कार्यरत रहे. धर्मांतरण की जो प्रक्रिया उन्होंने बढ़ाई, उसे बिरसा मुंडा ने रोकने का कार्य किया और समाज को बचाया."
राजा राममोहन राय कौन थे?
राजा राम मोहन राय को भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत (Father of Modern India) कहा जाता है. देश के प्रमुख समाज सुधारकों में शामिल राजा राममोहन राय का जन्म 22 मई 1772 को पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के राधानगर के खानाकुल में हुआ था.
साल 1816 में पहली बार अंग्रेजी भाषा में “Hindutva” शब्द का उल्लेख भी राजा राम मोहन राय ने किया था.
उन्होंने Brahmo Samaj Movement (ब्रह्म समाज आंदोलन) की स्थापना की, जिसका उद्देश्य सती प्रथा, बाल विवाह और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ संघर्ष था.
साल 1830 में वे Mughal Empire के प्रतिनिधि बनकर Britain गए ताकि अंग्रेज सरकार सती प्रथा पर बने प्रतिबंध को वापस ना ले सके. साल 1983 में ब्रिटेन के Bristol Museum में राजा राम मोहन राय पर विशेष प्रदर्शनी भी आयोजित हुई थी. शिक्षा के क्षेत्र में भी उनका योगदान अहम माना जाता है. उनकी पहल पर Calcutta Hindu College, Anglo-Hindu School और Vedanta College की स्थापना हुई.
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