Madhya Pradesh Assembly Winter Session 2025: मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार, 01 दिसंबर 2025 से शुरू हो रहा है, जो 5 दिसंबर तक चलेगा. इस दौरान कुल चार बैठकें होंगी. वहीं मोहन यादव की सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट (Supplementary Budget) प्रस्तुत करेगी. इस सत्र में विधायकों के कुल 1497 सवाल आए हैं. इस सत्र में जनप्रतिनिधियों के वेतन बढ़ाने समेत चार विधेयक पेश किए जा सकते हैं. उधर, विपक्ष ने भी मोहन सरकार को कई अहम मुद्दों पर घेरने की तैयारी की है.
शीतकालीन सत्र के दौरान होगीं 4 बैठकें
01 दिसंबर से 5 दिसंबर तक यह सत्र चलेगा. 5 दिवसीय सत्र के दौरान सदन की कुल 4 बैठकें होंगी. इस सत्र में 1 दिसंबर, दो दिसंबर, चार दिसंबर और 5 दिसंबर को बैठक होगी. 3 दिसंबर को विधानसभा नहीं चलेगा. इस दिन भोपाल गैस त्रासदी की बरसी है. ऐसे में भोपाल में सार्वजनिक अवकाश रहेगा.
द्वितीय अनुपूरक बजट पेश करेगी मोहन सरकार
मोहन यादव की सरकार इस दौरान वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट (Supplementary Budget) प्रस्तुत करेगी. द्वितीय अनुपूरक बजट करीब 10 हजार करोड़ रुपये की पेश होने की संभावना है.
शीतकालीन सत्र में ये विधेयक होंगे पेश
शीतकालीन सत्र के दौरान नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव सीधे मतदाताओं से कराने, दुकान व प्रतिष्ठान (संशोधन) विधेयक 2025, जनप्रतिनिधियों के वेतन भत्ते संशोधन विधेयक भी पेश किए जा सकते हैं.
विधायकों के कुल 1497 सवाल हुए प्राप्त
मानसून सत्र 2025 के लिए विधायकों ने कुल 1497 सवाल लगाए हैं. सत्र की अधिसूचना जारी होने से अब तक सचिवालय में तारांकित पश्न 751 और अतारांकित प्रश्न 746 प्राप्त हई हैं. वहीं ध्यानाकर्षण की 194, अशासकीय संकल्प की 14, स्थगन प्रस्ताव की 06, शून्यकाल की 52, नियम -139 की 02 सूचनाएं, 15 याचिकाएं प्राप्त हई हैं. शासकीय विधेयक भी 02 प्राप्त हुए हैं.
हंगामेदार के आसार, शीतकालीन सत्र में इन मुद्दों को उठाएगी कांग्रेस
इस सक्त्र के दौरान जोरदार हंगामे होने के आसार हैं, क्योंकि विपक्ष ने सरकार को कई अहम मुद्दों पर राज्य सरकार को घेरने की तैयारी की है. दरअसल, सत्र के दौरान विपक्षी छिंदवाड़ा के कप सिरप कांड, खाद की कमी और कानून-व्यवस्था से जुड़े मुद्दों को सदन में जोरदार तरीके से उठाने की तैयारी में है. इसके अलावा कांग्रेस अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग पर अत्याचार, मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण, जल जीवन मिशन की गड़बड़ी जैसी मुद्दा प्रमुखता से उठाएगी.