आदर्श गांव चांडा: प्रसव के लिए गर्भवती महिलाओं को करना पड़ता है 20 किलोमीटर का सफर 

आदर्श गांव घोषित चांडा में स्थित सर्वसुविधायुक्त अस्पताल में एक साल से नर्सिंग स्टाफ नहीं है. इससे विशेष संरक्षित बैगा जनजाति की महिलाओं को प्रसव कराने के लिए 20 किमी का लंबा सफर तय करना पड़ता है. कई बार तो गर्भवती महिलाएं समय पर अस्पताल नहीं पहुृंच पाती हैं.

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Pregnant women bond to travel 20 KM In Adarsh ​​Gaon Chanda of Dindori

MP Adarsh Gaon: मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले के बैगा आदिवासी बाहुल्य वनग्राम चांडा में प्रसूताओं को बच्चों की डिलीवरी के लिए 20 किलोमीटर चलकर जाना पड़ता है. पीएम जनमन योजना के तहत आदर्श गांव घोषित वनग्राम चांडा में स्वास्थ्य सुविधाओं का कितना बुरा हाल है, इसकी बानगी है कि सर्वसुविधायुक्त अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ तक नहीं है.

आदर्श गांव घोषित चांडा में स्थित सर्वसुविधायुक्त अस्पताल में एक साल से नर्सिंग स्टाफ नहीं है. इससे विशेष संरक्षित बैगा जनजाति की महिलाओं को प्रसव कराने के लिए 20 किमी का लंबा सफर तय करना पड़ता है. कई बार तो गर्भवती महिलाएं समय पर अस्पताल नहीं पहुृंच पाती हैं.

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 बैगा जनजाति वाले चांडा वनग्राम के सर्वसुविधायुक्त अस्पताल में नर्सिग स्टाफ नहीं

रिपोर्ट के मुताबिक विशेष संरक्षित बैगा जनजाति वाले चांडा वनग्राम में स्थित सर्वसुविधायुक्त सरकारी अस्पताल में नर्सिग स्टाफ तक नहीं होने से गांव की प्रसूताओं को प्रसव के लिए 20 किमी चलना पड़ता है. कई बार तो प्रसूताएं अस्पताल ही नहीं पहुंच पाती है,  जिसके कारण जच्चा और बच्चा की जान पर बन आती है.

पीएम जनमन योजना के तहत चांडा वनग्राम को आदर्श गांव घोषित किया गया

गौरतलब है जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर घने जंगलों के बीच बसे वनग्राम चांडा को नीति आयोग की रिपोर्ट के आधार पर पीएम जनमन योजना के तहत आदर्श गांव घोषित किया गया, जहां चांडा समेत आसपास के ग्रामों में विशेष संरक्षित बैगा जनजाति के लोग बड़ी संख्या में निवास करते हैं, लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं से गांव के लोग वंचित हैं. 

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पीएम जनमन योजना के तहत आदर्श गांव चांडा में स्थित सर्वसुविधायुक्त अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ के अलावा अस्पताल में नियमित डॉक्टर व अन्य स्टाफ भी पदस्थ नहीं हैं, जिसकी वजह से इलाके में रहने वाले बैगा जनजाति के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही है. 

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करोड़ों की लागत से चांडा वनग्राम में निर्मित अस्पताल में हैं आधुनिक उपकरण 

उल्लेखनीय है करोड़ों रुपए की लागत से आदर्श गांव चांडा में निर्मित सर्व सुविधायुक्त अस्पताल में तमाम बेशकीमती उपकरण व साजो-सामान मौजूद है, लेकिन इस अस्पताल में न ही कोई रेगुलर डॉक्टर तैनात है और न ही कोई नर्सिंग स्टाफ है, जिसकी वजह से बैगा जनजाति की गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए 20 किमी जाना पड़ता है.

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प्रसूताओं को बजाग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या जिला मुख्यालय जाना पड़ता है

रिपोर्ट कहती है कि चांडा गांव के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में दूर बजाग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या फिर जिला मुख्यालय का सफर तय करना पड़ता है. गंगवती नामक बैगा जनजाति की गर्भवती महिला ने बताया कि स्वास्थ्य परीक्षण के लिए उसे कई बार 20 किलोमीटर दूर बजाग जाना पड़ता है और अब उसे सुरक्षित प्रसव की चिंता सता रही है.

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राजकुमारी बैगा ने बताया कि डेढ़ महीने पहले प्रसव पीड़ा होने पर रात में एम्बुलेंस को कॉल किया, लेकिन वह सुबह पहुंची, जिससे वो समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाई और प्रसव एम्बुलेंस में हो गया. दुखद यह रहा कि राजकुमारी के नवजात बच्चे की एक घंटे अंदर मौत हो गई.

लैब टेक्नीशियन व सफाई कर्मचारी के भरोसे है आदर्श ग्राम चांडा का सरकारी अस्पताल

दिलचस्प यह है कि सर्व सुविधायुक्त चांडा वनग्राम का अस्पताल लैब टेक्नीशियन व सफाई कर्मचारी के भरोसे चल रहा है. आदर्श ग्राम चांडा के ग्रामीणों द्वारा अनेकों बार इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों की गई, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी सब कुछ जानकर अभी अंजान बने बैठे हैं. 

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