लाडली बहनों पर 'लाड' कम तो नहीं हो रहा ? 1.63 लाख नाम कटे, 16 महीने से नए जुड़े नहीं

मध्यप्रदेश में 'लाडली बहना योजना' को बीजेपी के लिए गेम चेंजर माना जाता है. पिछले चुनाव में बहुत हद तक पार्टी को सत्ता में पहुंचाने में इस योजना का बड़ा हाथ रहा. लेकिन अब ऐसे आंकड़े सामने आ रहे हैं कि इस स्कीम में बीते 16 महीने से नए नाम नहीं जोड़े गए हैं और 1.63 लाख नाम तो कट भी गए हैं. क्या है वास्तविक स्थिति?

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Ladli Behna Yojana: मध्यप्रदेश में 60 साल की उम्र पार कर चुकी डेढ़ लाख से ज्यादा महिलाओं को अब लाडली बहना स्कीम का लाभ नहीं मिल रहा है. मोहन यादव सरकार ने रविवार यानी 12 जनवरी को 1.27 करोड़ बहनों के खातों में 1553.49 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं. इसी के बाद ये आंकड़ा साफ हुआ. गौर करने वाली बात ये भी है कि बीते 16 महीने से इस योजना में नए लाभार्थी नहीं जुड़े हैं. इसके साथ ही सरकार ने विधानसभा में साफ तौर पर ये भी कह दिया है कि इस योजना के तहत दी जा रही ₹1250 की मासिक राशि को ₹3000 प्रति माह तक बढ़ाने का फिलहाल कोई प्रस्ताव भी नहीं है. ऐसे में सवाल ये पूछा जा रहा है कि साल 2023 के विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ बीजेपी के लिए जिस योजना को गेम चेंजर माना गया था उस पर मौजूदा सरकार का साफ-साफ रुख क्या है?  

पोर्टल में नई एंट्री बंद है, क्या करें?

बता दें कि  रविवार को शाजापुर जिले के कालापीपल में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 1.27 करोड़ लाड़ली बहनों के खातों में ₹1553.49 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए. इसके बाद विपक्षी दलों ने कई सवाल उठाए. NDTV से छतरपुर की रहने वाली 31 साल की अर्चना मिश्रा नाम की महिला ने तो अपना दर्द भी साझा किया. उन्होंने बताया कि मेरे पास पहले आधार कार्ड नहीं था. जब मैंने आधार कार्ड बनवाया तो लाडली बहना के लिए बने पोर्टल में नई एंट्री ही बंद हो गई. अर्चना ने कई अधिकारियों से संपर्क किया लेकिन उनके नाम की एंट्री नहीं हुई. उनका कहना है कि उनके पास बच्चों के लिए पैसे नहीं है जिससे वो काफी परेशान हैं. 

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"हम लखपति बहना भी तो बना रहे हैं''

दरअसल बीते विधानसभा सत्र में कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल और महेश परमार ने  लाडली बहना को लेकर सरकार से सवाल पूछे थे. जिसके जवाब में सरकार की ओर से ही बताया गया कि 20 अगस्त 2023 के बाद से प्रदेश में नए लाभार्थियों का पंजीकरण नहीं हुआ है.इसके अलावा सरकार के पास इस योजना में दी जाने वाली 1250 रुपये की राशि को बढ़ाकर 3 हजार करने का भी अभी फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है. इसके साथ ही लाभार्थियों की आयु सीमा को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष करने या इसे 60 वर्ष से अधिक करने पर भी कोई विचार नहीं किया जा रहा है. हालांकि NDTV के सवाल पर बीजेपी विधायक कंचन मुकेश तन्वे ने दावा किया कि प्रदेश  सरकार ने बहनों से जो वादा किया है उसे पूरा कर रही है. हमारी सरकार लाडली बहना के साथ लखपति बहना भी बना रही है. उन्होंने कहा कि यदि राशि बढ़ाने का वादा किया गया है तो उसे निश्चित तौर पर बढ़ाया जाएगा. हम हर वादा पूरा करेंगे. 

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जून 2023 में शुरू हुई थी लाडली बहना योजना

बता दे कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना, को जून 2023 में जबलपुर में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लॉन्च किया था. शुरुआत में ₹1000 की राशि दी गई थी, जिसे तीन महीने बाद बढ़ाकर ₹1250 किया गया. तब शिवराज सिंह चौहान ने वादा किया था कि योजना की राशि में धीरे-धीरे ₹250 प्रति माह की वृद्धि की जाएगी, ताकि यह ₹3000 प्रति माह तक पहुँच सके. 5 साल में योजना में 61,890.84 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान है, अब तक इस योजना के तहत 20 किस्त जारी हो चुकी हैं.वैसे अब इस योजना में नए नाम नहीं जुड़ रहे हैं. इसके अलावा नाम कटने के पीछ सरकारी तर्क है - महिला की उम्र साठ साल पूरी होना है, जिन महिलाओं की मृत्यु हो जाती है उनके नाम भी डिलीट हो जाते हैं  

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