
PM Kisan Samman Nidhi: सीएम डा. मोहन यादव की नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला लिया. मोहन कैबिनेट ने पराली जलाने वाले किसानों को किसान सम्मान निधि योजना के तहत दी जाने वाली वित्तीय सहायता एक साल के लिए निलंबित करने को मंजूरी दी है. इस फैसले से वो किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभ से सालभर के लिए वंचित हो जाएंगे, जो पराली जलाने में शामिल होंगे.
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पराली जलाकर प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है राज्य सरकार
राज्य के शहरी विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, 'पराली जलाकर प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ राज्य सरकार सख्त कदम उठा रही है, ताकि इस पर लगाम कसी जाए. उन्होंने कहा कि पराली जलाने वाले किसानों को हतोत्साहित करने के लिए यह फैसला लिया गया है.
हमारे किसान भाइयों को अपने छोटे लाभ के लिए बड़ा नुकसान नहीं उठाना चाहिए
मोहन सरकार में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि 'राज्य सरकार किसानों को दंडित नहीं करना चाहती, लेकिन हमारे किसान भाइयों को अपने छोटे लाभ के लिए बड़ा नुकसान नहीं उठाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए यह फैसला जरूरी था, क्योंकि पर्यावरण प्रभावित होने से उनके अपने बच्चे भी पीड़ित होंगे.
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किसानों को किसान सम्मान निधि के रूप में प्रति वर्ष 12,000 रुपए देती है एमपी सरकार
गौरतलब है मध्यप्रदेश सरकार किसानों को किसान सम्मान निधि के रूप में प्रति वर्ष 12,000 रुपए प्रदान करती है. इसमें से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 6,000 रुपए दिए जाते हैं जबकि इतनी ही राशि राज्य सरकार भी किसानों के सम्मान में देती है.
राज्य सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 5 फीसदी की वृद्धि को मंजूरी दी गई
विजयवर्गीय ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए, जिसमें राज्य सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में पांच प्रतिशत की वृद्धि और इसे केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर लाना शामिल है. इसके अलावा राज्य मंत्रिमंडल ने राज्य सरकार के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए एक नयी स्थानांतरण नीति को दी गई मंजूरी शामिल है.
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