MP के लिए Good News, रतलाम-नागदा रेलवे लाइन की तीसरी और चौथी लाइन को केन्द्र सरकार की मंजूरी

Modi Cabinet Decisions: पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत यह परियोजना क्रियान्वित की जा रही है और इसका उद्देश्य मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को मजबूत करना है. इससे न सिर्फ मध्यप्रदेश की लॉजिस्टिक दक्षता में सुधार होगा, बल्कि यह प्रदेश के आर्थिक विकास को भी गति प्रदान करेगी.

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Modi Cabinet Decisions: रतलाम-नागदा रेलवे लाइन की तीसरी और चौथी लाइन को केन्द्र सरकार की मंजूरी

Cabinet Decisions: मोदी कैबिनेट ने भारतीय रेलवे के दो मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी, जो महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में लागू की जाएंगी. इन परियोजनाओं में रतलाम–नागदा तीसरी और चौथी रेल लाइन, वर्धा–बल्लारशाह चौथी रेल लाइन शामिल हैं. महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के चार जिलों को कवर करने वाली इन दोनों परियोजनाओं से भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 176 किलोमीटर की वृद्धि होगी. पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने मध्यप्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण रेल परियोजना-रतलाम-नागदा सेक्शन में तीसरी और चौथी रेलवे लाइनको मंजूरी दे दी है. यह परियोजना भारतीय रेल की लाइन क्षमता बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इस मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से रतलाम और नागदा के बीच की रेल सेवाएं और अधिक द्रुतगामी और निर्बाध बनेंगी. परियोजना की अनुमानित लागत 3,399 करोड़ रुपये है. इसे वर्ष 2029-30 तक पूरा कर लिया जाएगा. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नये भारत के संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाने की दिशा में कारगर कदम साबित होगा. उन्होंने इस परियोजना की मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री मोदी और केन्द्रीय रेल मंत्री अश्र्विनी वैष्णव को धन्यवाद दिया.

CM मोहन बताए इसके फायदे

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि कि इस परियोजना से यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, साथ ही कोयला, सीमेंट, कृषि उत्पाद, कंटेनर और अन्यानेक व्यापारिक एवं औद्योगिक माल परिवहन की दक्षता भी बढ़ेगी. इससे मध्यप्रदेश के लिए 18.40 मिलियन टन प्रति वर्ष अतिरिक्त माल ढुलाई की क्षमता का सृजन होगा. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आशा व्यक्त की है कि यह रेल परियोजना मध्यप्रदेश के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने में सहायक होगी.

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पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत यह परियोजना क्रियान्वित की जा रही है और इसका उद्देश्य मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को मजबूत करना है. इससे न सिर्फ मध्यप्रदेश की लॉजिस्टिक दक्षता में सुधार होगा, बल्कि यह प्रदेश के आर्थिक विकास को भी गति प्रदान करेगी. परियोजना से तेल आयात में 20 करोड़ लीटर से अधिक की कमी आएगी, लगभग 4 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर अर्थात 99 करोड़ किलोग्राम कार्बन-डाइऑक्साइड उत्सर्जन कम होगा और 74 लाख मानव-दिवस के बराबर रोजगार के अवसर सृजित होंगे.

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