Surbhi Won Bronze Medal : उ ज्बेकिस्तान में मध्य प्रदेश के इंदौर शहर की बेटी ने एक बार फिर से प्रदेश का मान बढ़ाया है. विदेशी सरजमीं पर तमाम चुनौतियों के बीच मां अहिल्या के दामन को और भी गौरंवति किया है. इस बेटी ने 74 देशों के बीच बीच बढ़े मुकाबले में कांस्य पदक जीता है. बता दें, इंदौर की सुरभि सांखला ने उज्बेकिस्तान में आयोजित आइएमएमएएफ वर्ल्ड मिक्स्ड मार्शल आर्ट चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए 65.8 किलो से कम भार वर्ग में कांस्य पदक जीता. सांखला पेशे से वकील है, उनके लिए यह जीत इसलिए भी खास हो जाती है. क्योंकि पैर में फ्रेक्चर होने के बावजूद सुरभि डटी रहीं.
पदक से पहले जानें क्या थी बड़ी मुश्किल
सुरभि ने एनडीटीवी से बातचीत में बताया कि वे पिछले 4 सालों से रूटीन ट्रेनिंग ले रही है, पर इस बार वर्ल्ड चैम्पियनशिप के पहले सुबह शाम ट्रेनिंग ले रहीं थीं. उज्बेकिस्तान पहुंचने पर सबसे बड़ी मुश्किल वहां के मौसम में खुद को ढालना रहा, विदेश में तापमान माइनस में रहा और इतनी सुबह 5 बजे वजन करवाने जाना कठिन रहता था.
मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में कैसे जागी रुचि?
स्कूल के दौरान सुरभि की रुचि हैंडबॉल में रहा और जब उन्होंने वकालत शुरू की उस समय खेल से जुड़ाव छूटने लगा था, इसी दौरान उनकी मुलाकात ट्रेनर विकास से हुई. शुरुआत में उन्होंने सेल्फ डिफेंस के उद्देश्य से मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स से जुड़ी थी. सुरभि बताती हैं, उनके ट्रेनर ने उन्हें आगे बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाई.
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कोच बोले ये -फुर्ती और ताकत का खेल है
क्वार्टर फाइनल में फाइट के दौरान पैर में चोट लग गई थी, बाहर निकल कर पता चला कि वह मामूली चोट नहीं बल्कि फ्रैक्चर है. डिसक्वालीफाई न हो जाए और जीता हुआ मैच न हारे इसलिए कमेटी को जानकारी नहीं दी गई. ट्रेनर विकास ने एनडीटीवी को बताया यह एक ऐसा खेल है जिसमें फुर्ती और ताकत एक अहम किरदार निभाते है. सुरभि पहले से ही 5 किलोग्राम ओवरवेट चल रही थी, तो उनकी कोशिश थीं कि यहां से वेट कंट्रोल करें. माइनस तापमान में वजन घटाना मुश्किल हो जाता है.
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