RIP Manmohan Singh: पूर्व PM की सादगी का किस्सा, देशभर में शोक, विदेशों में भी आधा झुका रहेगा तिरंगा

Manmohan Singh Death News: देश के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन से देश में शोक की लहर है. लेकिन पूर्व पीएम की ऐसी कई उपलब्धियां और सफलताएं हैं, जिसके लिए वो हमेशा याद किए जाएंगे. विकसित भारत के निर्माण में उनका अहम योगदान रहा है.

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Manmohan Singh Passes Away: देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (Former Prime Minister Dr Manmohan Singh) के निधन पर भारत सरकार ने 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की है. इस दौरान देशभर में राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे और किसी भी आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा. इसके अलावा सभी भारतीय मिशनों और उच्चायोगों में विदेशों में भी राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे. गृह मंत्रालय ने भारत सरकार के सभी मंत्रालयों और राज्यों के लिए पत्र जारी करके यह जानकारी दी. पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार को 92 साल की उम्र में यहां एम्स में निधन हो गया। तबीयत बिगड़ने के बाद गुरुवार शाम को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. एम्स ने एक आधिकारिक बयान में बताया कि उन्हें शाम 8.06 पर एम्स के मेडिकल इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था. इससे पहले उम्र से संबंधित बीमारियों के लिए उनका उपचार चल रहा था और घर पर वह अचानक बेहोश हो गए थे. उन्होंने गुरुवार रात 9.51 बजे अंतिम सांस ली.

पत्र में क्या लिखा है?

पत्र में गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया, "भारत सरकार अत्यंत दुःख के साथ भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के 26 दिसंबर को एम्स अस्पताल, नई दिल्ली में निधन हो गया. दिवंगत गणमान्य व्यक्ति के सम्मान में 26 दिसंबर 2024 से 1 जनवरी 2025 तक सरकार 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा करती है. इस दौरान पूरे भारत में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और राजकीय शोक की अवधि के दौरान कोई आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रम नहीं होगा. यह भी निर्णय लिया गया है कि स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. विदेश में स्थित सभी भारतीय मिशनों और उच्चायोगों में भी अंतिम संस्कार के दिन राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा."

मनमोहन सिंह साल 2004 से 2014 तक दो बार प्रधानमंत्री रहे थे. उनकी गिनती देश के बड़े अर्थशास्त्रियों में होती थी. मनमोहन सिंह की ने हमेशा अपने जीवन को व्यक्तिगत आराम और भौतिकवाद से दूर रखा. उन्होंने हमेशा अपने कर्तव्यों का पालन किया. पूर्व प्रधानमंत्री के कार्यकाल और सादगी को हमेशा याद किया जाएगा.

ऐसी थी सादगी

पूर्व पीएम की सादगी, उनके नेतृत्व और उनके व्यक्तित्व की मिसाल दुनिया दे रही है. उनके निजी जीवन से जुड़ी कुछ बातें अब वायरल हो रही हैं, जैसे उनकी पसंदीदा कार – मारुति 800. वह कहते थे कि मुझे इसमें (लग्जरी कार) चलना पसंद नहीं, मेरी गड्डी तो मारुति 800 है. मनमोहन सिंह के सुरक्षा गार्ड रहे असीम अरुण ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए एक दिलचस्प कहानी का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने बताया कि मनमोहन सिंह को अपनी मारुति 800 से बेहद लगाव था. असीम अरुण ने लिखा, "मैं 2004 से लगभग तीन साल तक डॉ. मनमोहन सिंह का बॉडी गार्ड रहा। एसपीजी में प्रधानमंत्री की सुरक्षा का सबसे अहम हिस्सा होता है – क्लोज प्रोटेक्शन टीम और मुझे इस टीम का नेतृत्व करने का अवसर मिला था। यह वह टीम होती है, जो पीएम से कभी भी अलग नहीं होती और यदि कोई एक बॉडी गार्ड उनके साथ रह सकता है, तो वह वही व्यक्ति होता है."

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असीम अरुण ने बताया, "डॉ. साहब के पास एक ही कार थी – मारुति 800. प्रधानमंत्री निवास में चमचमाती काली बीएमडब्ल्यू खड़ी रहती थी, लेकिन डॉ. मनमोहन सिंह हमेशा मुझे कहते थे, असीम, मुझे इस कार में चलना पसंद नहीं, मेरी गड्डी तो यह है (मारुति).'

असीम ने आगे कहा कि मैं उन्हें समझाता था कि सर, यह गाड़ी आपके ऐश्वर्य के लिए नहीं है, इसके सिक्योरिटी फीचर्स एसपीजी के द्वारा निर्धारित किए गए हैं. लेकिन, जब कारकेड (सुरक्षा के लिए तैनात कारों का काफिला) के दौरान मारुति 800 सामने से गुजरती, तो वह हमेशा उसे एक नजर देखते. मानो वह संकल्प दोहरा रहे हों कि मैं एक मिडिल क्लास आदमी हूं और मेरी जिम्मेदारी है आम आदमी की चिंता करना. करोड़ों की गाड़ी प्रधानमंत्री की है, लेकिन मेरी तो यह मारुति है."

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