Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सोमवार को मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ लेकिन गुना (Guna) की झोली इस मामले में सूनी ही रह गई. मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव (CM Mohan Singh) ने अपने मंत्रिमंडल में ग्वालियर-चंबल संभाग के चार जन प्रतिनिधियों को जगह तो दी लेकिन इसी संभाग के हिस्से गुना को कुछ भी नहीं मिला.
ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से बने हैं चार मंत्री
पहले ग्वालियर-चंबल संभाग से मंत्रियों की भरमार रहती थी लेकिन इस बार यहां से सिर्फ चार मंत्री बने हैं. वहीं शिवपुरी-गुना संसदीय क्षेत्र की पूरी तरह से अनदेखी कर दी गई है. पिछले 40 सालों की अगर बात की जाए तो गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र को हमेशा प्रदेश में महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व मिलता था.
दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह भी गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से आते हैं और मुख्यमंत्री रह चुके हैं. ऐसे में नई सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार से जहां चारों ओर मध्य प्रदेश में खुशी की लहर है तो वहीं गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र के लोगों में मायूसी देखी जा रही है.
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40 साल में पहली बार हुआ ऐसा हाल
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बतौर CM 18 कैबिनेट मंत्री बनाए और 6 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाए. वहीं चार को राज्य मंत्री की शपथ दिलाई गई लेकिन 40 साल में पहली बार ऐसा हुआ जब गुना-शिवपुरी को मंत्रिमंडल में कोई तवज्जो नहीं मिली. बता दें कि गुना शिवपुरी और अशोकनगर को मिलाकर एक संसदीय क्षेत्र बनता है जिसे गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट के नाम से जाना जाता है.
शिवपुरी जिले में सबसे ज्यादा 5 विधानसभाएं हैं. दूसरे नंबर पर गुना जिला आता है जहां चार विधानसभाएं हैं और तीसरे नंबर पर अशोकनगर जिला आता है जिसमें तीन विधानसभाएं हैं. पूरे लोकसभा संसदीय क्षेत्र में कुल 12 विधानसभा सीटें आती हैं जो इन तीनों जिलों से मिलकर बनता है.
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