जजों के खिलाफ अनर्गल टिप्पणी करने वाले वकील हो जाएं सावधान, सोशल मीडिया पर पोस्ट करने पर अब होगी कार्रवाई

MP News: मध्य प्रदेश में कोर्ट और जजों के खिलाफ अनर्गल टिप्पणी करने वाले वकीलों पर कार्रवाई की जाएगी. मध्य प्रदेश स्टेट बार काउंसिल ने इसके लिए आदेश जारी कर दिया है.

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Action Against Lawyers on Baseless Comments on Judges: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में जजों के खिलाफ सोशल मीडिया में अनर्गल टिप्पणी करने पर वकीलों पर कार्रवाई होगी. यह फरमान मध्य प्रदेश स्टेट बार काउंसिल (Madhya Pradesh State Bar Council) ने सदस्य वकीलों के लिए जारी किया है. एमपी स्टेट बार काउंसिल ने इंटरनेट मीडिया में जजों आदि के खिलाफ अनर्गल टिप्पणियों पर लगाम लगाने के लिए यह आदेश जारी किया है. इसके तहत निर्णय लिया गया है कि शिकायत मिलने पर सोशल मीडिया में गलत पोस्ट करने या फॉरवर्ड करने वालों आरोपी वकीलों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी.

लगातार सोशल मीडिया में हो रही अनर्गल टिप्पणी

बता दें कि वर्तमान दौर में कई वकील कोर्ट की क्लिप सोशल मीडिया में पोस्ट कर अपनी भड़ास निकालते हैं. इसके अलावा कोर्ट के लाइव वीडियो रिकॉर्डिंग से कुछ अंश निकाल कोर्ट के आदेश को गलत तरीके से पेश करते हैं, ऐसे पोस्ट करने वाले वकीलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. आजकल ये भी देखा गया है कि बहुत से लोग हाईकोर्ट में बहस के दौरान न्यायाधीशों की टिप्पणियों की रील बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं. इससे पूरे केस की जानकारी नहीं मिलती, बल्कि न्यायाधीश की टिप्पणी को मजाक के रूप में रील बनाकर जारी कर दिया जाता है.

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एमपी स्टेट बार काउंसिल ने अपने सदस्य वकीलों के लिए यह आदेश जारी किया है.

सवा लाख वकीलों के लिए पारित हुआ प्रस्ताव

मध्य प्रदेश के सवा लाख वकीलों की सर्वोच्च संस्था एमपी स्टेट बार काउंसिल ने अपने सदस्य वकीलों के लिए यह आदेश जारी करते हुए जजों आदि के खिलाफ अनर्गल टिप्पणियों पर लगाम लगाने के लिए प्रस्ताव पारित किया है. स्टेट बार के चेयरमैन राधेलाल गुप्ता और वाइस चेयरमैन आरके सिंह सैनी ने इस आदेश के संबंध में बताया कि अक्सर इंटरनेट मीडिया पर चरित्र हनन करने वाले पोस्ट वायरल कर दी जाती है. कई वकील इस तरह के कार्यों में विशेष रुचि लेते हैं. वे न्यायपालिका, न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं के प्रतिनिधियों व स्टेट बार के सदस्यों के खिलाफ मनमानी टिप्पणियों वाली आपत्तिजनक पोस्ट इंटरनेट मीडिया में शेयर कर देते हैं. 

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इसी रवैये को गंभीरता से लेकर स्टेट बार ने कार्रवाई का प्रस्ताव पारित किया है. इसका मुख्य उद्देश्य नोबल प्रोफेशन वकालत के क्षेत्र में सक्रिय अधिवक्ता समुदाय में अनुशासन की लगाम कसना है. स्टेट बार की अपेक्षा है कि स्टेट बार की सामान्य सभा की पहली बैठक में पारित प्रस्तावों को अधिक से अधिक प्रचारित किया जाना चाहिए. अधिवक्ताओं को इस दिशा में सक्रिय होना चाहिए. तरह-तरह की आधारहीन बातें की जा रही हैं, जो कि अनुचित है.

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